सोनीपत: जिले में पहले से ही श्रमिकों की कमी से जूझ रहे उद्योगों को दिल्ली-सोनीपत सीमा पर आवागमन बंद होने से बड़ी परेशानी हो रही है. सोनीपत में अधिकांश उद्योगपति व उनके कर्मचारी दिल्ली से रोजाना आवागमन करते हैं. उनके नहीं आने के कारण फैक्ट्री चालू नहीं हो पा रही हैं.
श्रमिकों की कमी और दिल्ली बॉर्डर बंद होने से उद्योग परेशान
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान हरियाणा से कई हजार श्रमिक पलायन करके अपने गृह राज्य चले गए थे. इसके अलावा केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली सोनीपत सीमा पर भी आवागमन बंद कर दिया गया. अब इसका बड़ा असर सोनीपत में उद्योगों पर दिखने लगा है.
दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील होने से सोनीपत की फैक्ट्रियों में नहीं हो पा रहा काम शुरू. दिल्ली सोनीपत सीमा पर बगैर पास के आवागमन नहीं करने दिया जा रहा है. हालांकि अब दो दिनों से हरियाणा की सीमा में कुछ ढ़ील अवश्य दी गई है, लेकिन अब दिल्ली की ओर से सख्ती बढ़ा दी गई है. फिलहाल बगैर पास के मूवमेंट नहीं करने दिया जा रहा है और जो पास मिल रहा है वह भी एक दिन का है. जबकि काम शुरू करने के लिए रोज आना जरूरी है और अधिकांश उद्योगपति व उनके बड़े कर्मचारी दिल्ली से रोजाना आवागमन करते हैं. उनके नहीं आने के कारण फैक्ट्री शुरू नहीं हो पा रही हैं.
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सोनीपत के कुंडली व राई औद्योगिक क्षेत्र के फैक्ट्री संचालकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण ढ़ाई महीने से फैक्ट्रियां बंद पड़ी हुई हैं. सरकार ने कुछ नियमों के साथ फैक्ट्रियां चलाने की छूट दी है और प्रशासन ने भी इसकी इजाजत दी है, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए बॉर्डर पर आवागमन सुचारू नहीं होने के कारण परेशानी बरकरार है. यहां के अधिकतर फैक्ट्री संचालक दिल्ली में रहते हैं.
उद्योगपतियों ने सरकार से लगाई गुहार
फैक्ट्री संचालकों का कहना है कि हरियाणा सरकार ने बॉर्डर पर कुछ ढ़ील दी है, लेकिन दिल्ली सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. कभी हरियाणा की ओर से तो कभी दिल्ली की ओर से बॉर्डर सील होने से उद्योगपति परेशान हैं. पहले हरियाणा आने में परेशानी होती थी, लेकिन तीन दिनों से दिल्ली जाने में दिक्कत हो रही है. उद्योगपतियों ने दोनों राज्यों की सरकारों से उद्यमियों के लिए दिल्ली हरियाणा में आवाजाही के नियम लचीले करने की मांग की है.
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