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किसान आंदोलन से हरियाणा में दिल्ली बॉर्डर के उद्योग चौपट, अकेले सोनीपत में करीब 10 हजार करोड़ से ज्यादा नुकसान

किसान आंदोलन के चलते सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्रों को रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यहां कई औद्योगिक इकाइयां बंद होने की कगार पर खड़ी हैं. इसके अलावा यहां आकर काम करने वाले लोगों को भी रोज भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

sonipat Industrial area loss farmer protest
sonipat Industrial area loss farmer protest

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Published : Apr 21, 2021, 6:52 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 7:32 PM IST

सोनीपत: तीन कृषि कानूनों के विरोध में सोनीपत में सिंघु और कुंडली बॉर्डर पर करीब 5 महीनों से किसानों का आंदोलन जारी है. इस वजह से दिल्ली और सोनीपत के बीच हाईवे को बंद किया गया है. वहीं हाईवे के बंद होने की वजह से स्थानीय लोगों और उद्योगपतियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

रोजाना हो रहा 100-150 करोड़ का नुकसान

सोनीपत के कुंडली और राई इंडस्ट्रियल क्षेत्र में करीब 5000 से ज्यादा फैक्ट्ररियों पर आंदोलन का असर साफ देखने को मिल रहा है. सोनीपत की इंडस्ट्रीज को किसान आंदोलन से रोजाना 100 से 150 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है.

किसान आंदोलन के चलते हरियाणा के इन औद्योगिक क्षेत्रों को हो रहा करोड़ों का नुकसान

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सोनीपत में चार बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं- कुंडली, राई, मुरथल और बड़ी, लेकिन किसान आंदोलन के चलते राई और कुंडली औद्योगिक क्षेत्र बिल्कुल खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके हैं क्योंकि यहां पर दिल्ली आने जाने के रास्ते बिल्कुल बंद हैं. यहां से कच्चे व तैयार माल की आवाजाही बिल्कुल बंद है. वहीं कर्मचारी भी नहीं आ पा रहे.

ट्रांसपोर्ट के भाड़े में हुई बढ़ोतरी

किसान आंदोलन के चलते कुंडली और राई इंडस्ट्री में आने जाने वाले ट्रांसपोर्टर्स ने भी किराये में वृद्धि कर दी है, जिसके चलते यहां पर महंगाई की मार भी पड़ रही है. पहले जहां 2-3 हजार रुपये में बात बन जाती थी वहीं अब कम माल के ट्रासपोर्ट लिए भी पहले से पांच गुणा ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है.

यहां आने वाले कर्मचारी भी परेशान

इसके अलावा यहां काफी संख्या में कर्मचारी दिल्ली से आते जाते हैं और अब उनको भी यहां आने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर की महिलाओं को. यहां आकर काम करने वाली महिलाओं ने कहा कि आंदोलन के कारण पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं. किराया पहले से तीन गुणा ज्यादा देना पड़ रहा है और ऊपर से समय भी बहुत लगता है.

एनजीओ और कई संगठन आए उद्योगपतियों के पक्ष में

वहीं कई संगठन और एनजीओ इन कर्मचारी और उद्योगपतियों के लिए आवाज उठाने लगे हैं. राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच की ओर से पहले करते हुए कहा गया कि सरकार और किसान इस मसले को आपस में सुलझाएं. इसमें चाहे कितना भी वक्त लगे, लेकिन इसमें लोगों का नुकसान नहीं होना चाहिए, और रास्तों को खोला जाना चाहिए.

बहरहाल, किसान आंदोलन के कारण जहां उद्योग आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं. वहीं बहुत से मरीज समय पर अस्पताल में नहीं पहुंच पाते. इसके अलावा सोनीपत से दिल्ली पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों की संख्या भी घट गई है. अब इन लोगों को बस यही उम्मीद है कि जल्द से जल्द सरकार और किसान इस मुद्दे का हल निकालें और सोनीपत के लोगों को आर्थिक नुकसान और परेशानियों से छुटकारा मिले.

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Last Updated : Apr 21, 2021, 7:32 PM IST

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