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किसानों के समर्थन में उतरी नारी शक्ति, बोलीं- इतिहास गवाह, हमने जीती है हर लड़ाई - महिला किसान आंदोलन सिंघु बॉर्डर

किसान आंदोलन की गूंज अब गांव तक पहुंच गई है. किसानों के समर्थन में युवा, बुजुर्ग बच्चे लगातार दिल्ली कूच कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब महिलाएं भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से इकट्ठे होकर किसान आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रही हैं.

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किसानों के समर्थन में उतरी नारीशक्ति, बोलीं- इतिहास गवाह, हमने जीती है कई लड़ाई

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Published : Dec 13, 2020, 10:04 AM IST

सोनीपतःकिसान आंदोलन अब लगातार उग्र रूप धारण करता नजर आ रहा है, सरकार के साथ किसान आर-पार की लड़ाई करने को तैयार हैं. एक ओर जहां सरकार कानून वापस ना लेने की बात पर अड़ी है, तो वहीं किसान भी कानून को निरस्त करवाने की जिद पर अड़े हुए हैं. किसानों का समर्थन देने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जारही है. इसी कड़ी में किसानों का समर्थन करने के लिए भारी संख्या में नारी शक्ति भी सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रही है.

ईटीवी भारत की टीम लगातार ग्राउंड जीरो से किसान आंदोलन की तस्वीरें दिखा रही है. इसी बीच देर रात हल्की बूंदाबांदी हुई तो किसानों की मुसीबतें बढ़ गई. बारिश होते ही तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई. जिसके बाद सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर हालातों का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता भी मौके पर पहुंचे हैं. इस दौरान हमने देखा कि किसानों के साथ भारी संख्या में महिलाएं भी ठिठुरती ठंड में सिंघु बॉर्डर पर तैनात हैं.

किसानों के समर्थन में उतरी नारीशक्ति, बोलीं- इतिहास गवाह, हमने जीती है हर लड़ाई

'ठंड नहीं बिगाड़ सकती हमारा कुछ'

किसान आंदोलन में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिला किसान भी खड़ी हैं. ईटीवी ने पंजाब से आई दो महिलाओं के साथ जिनका नाम अमर और समरीनजीत गिल है उनसे खास बातचीत की है. उनका कहना है कि हम यहां पर तब तक डटे रहेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती और ठंड भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती.

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'इतिहास गवाह, हमने जीती है हर लड़ाई'

वहीं सिमरनजीत गिल ने कहा कि हमारे हौसलों में उड़ान है और हमारा इतिहास तो ये गवाही देता है कि हमने जो भी लड़ाई लड़ी हमने उसको जीता है. महिलाओं का कहना है कि कि वह घर के सारे काम छोड़ कर यहां आए हैं, घर के काम की चिंता नहीं है. अब केवल अपने हक की चिंता है.

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