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ग्राउंड रिपोर्टः सोनीपत के अनाथालय में कितनी महफूज हैं लड़कियां?

हरियाणा के अनाथालयों में बच्चे कितने महफूज हैं? इसकी पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम सोनीपत के बालग्राम पहुंची. टीम ने यहां रह रही बच्चियों से सुरक्षा और उनके लिए गए तमाम इंतजामों को लेकर बात की.

girls child security at orphanages in sonipat
सोनीपत बालग्राम

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Published : Aug 24, 2020, 10:19 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 6:30 AM IST

सोनीपत: कोरोना जैसी महामारी के दौर में जिंदगी एक जंग बन चुकी है. कोरोना के खौफ में हर किसी को अपनी और अपनों की फिक्र है, लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनका कोई अपना नहीं. उन्हीं में से एक हैं अनाथालयों में रहने वाले बच्चे. खासकर जहां लड़कियां रह रही हों.

हाल ही में हैदराबाद के एक अनाथालय की बच्ची से रेप की घटना ने एक बार फिर अनाथालयों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा दिया. इसी के मद्देनजर ईटीवी भारत ने हरियाणा में भी अनाथालयों की सुरक्षा का जायजा लिया. सबसे पहले हमारी टीम पहुंची सोनीपत के सरकारी अनाथालय बाल ग्राम में.

सोनीपत के अनाथालय में कितनी महफूज हैं लड़कियां?, देखें रिपोर्ट

इस बालग्राम की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने साल 1982 में की थी. सोनीपत जिले के इस एकमात्र बालग्राम में मौजूदा वक्त में करीब 60 लड़कियां रहती हैं. इन बच्चियों की देखरेख के लिए कर्मचारी मौजूद हैं. सुरक्षा के लिहाज से बालग्राम के गेट पर चौकीदार किए गए हैं. किसी को अंदर जाने के लिए पहले प्रशासन की परमिशन लेनी पड़ती है. साथ ही बच्चियों की सुरक्षा के लिए आठ फीट ऊंची दीवार के ऊपर फेंसिंग लगाई हुई है. अनाथालय में बच्चियों के लिए अलग-अलग हाउस बनाए हुए हैं. अनाथालय के लेखाकर के सुरक्षा दावे को परखने के लिए हमने यहां रह रही लड़कियों से भी बात की.

हरियाणा के अनाथालयों में कितने महफूज बच्चे?

इस बालग्राम की बच्चियां कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पुरस्कार जीत चुकी हैं. बच्चियों को पढ़ाई के लिए निजी स्कूलों में भेजा जाता है. खेलों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए झूले लगाए गए हैं. जहां पर हर उम्र के बच्चे खेलते हैं. बच्चों को सुबह योगा भी कराया जाता है. जिससे की बच्चे शारीरिक तौर पर फिट रहे हैं.

बालग्राम के लेखाकार दलबीर सिंह का कहना है कि यहां पर सिर्फ टोल फ्री नंबर और खेल के लिए कोच की सुविधा नहीं है. दलबीर सिंह के मताबिक अगर कोच भी मुहैया करा दिया जाए तो यहां से बड़े खिलाड़ी निकल सकते हैं.

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Last Updated : Aug 25, 2020, 6:30 AM IST

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