सोनीपत:जिले के इस स्टेडियम में हॉकी अकेडमी बनी हुई है. जिसने एक-दो नहीं बल्कि 20 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देश को दिए हैं. मौजूदा वक्त में भी इसी अकेडमी से नेहा गोयल, शर्मिला, ज्योति, नेहा चार महिला खिलाड़ी ओलंपिक शिविर में हिस्सा ले रही हैं. जूनियर और सीनियर दोनों वर्गों की महिला खिलाड़ी आज के वक्त देश की टीम का हिस्सा हैं. बड़ी ही हैरानी की बात है कि देश को इतने बड़े खिलाड़ी देने वाली इस अकेडमी में आज तक सरकार की खेल नीति की एक पाई तक नहीं पहुंची.
स्टेडियम में बनी हुई इस अकादमी को भारत की पूर्व हॉकी कप्तान प्रीतम सिवाच निःस्वार्थ चला रही हैं. प्रीतम सिवाच खुद रेलवे में कार्यरत हैं. रेलवे की डयूटी करने के बाद वे हर रोज इस अकादमी में पहुंचकर इन बेटियों को प्रशिक्षण देकर ये नेक काम कर रही हैं. जब सिचाव ने ईटीवी भारत से बातचीत की तो उनका का दर्द छलक गया. उन्होंने कहा कि सरकार से तो अब उम्मीद ही छोड़ दी है, क्योंकि मेरा मन अब टूट चुका है.
14 साल से खिलाड़ियों को सुविधा दे रही सिचाव
पिछले 14 सालों से इन खिलाड़ियों के लिए संघर्ष कर रही प्रीतम सिवाच मुख्यमंत्री से लेकर अन्य मंत्री तक स्टेडियम में सुविधाओं के लिए गुहार लगा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास सुविधाएं होती तो ओलंपिक कैंप में सोनीपत से चार नहीं बल्कि दस खिलाड़ी पहुंचती.