सोनीपत:अशोका यूनिवर्सिटी में एक साथ दो प्रोफेसरों के इस्तीफे के मामला तूल पकड़ चुका है. यूनिवर्सिटी में इस्तीफे के विरोध में छात्र एकजुट हो गए हैं. उनका आरोप हैं कि राजनैतिक दबाव की वजह से अध्यापकों ने इस्तीफा दिया है. वहीं इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी बयान दे दिया कि अध्यापकों का इस्तीफा देश में अभिव्यक्ति की आजादी के घटने का प्रतीक है.
क्यों हुआ है विवाद
बताया जा रहा है कि प्रोफेसर, प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यन सरकार के काम काज पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते रहे हैं. प्रोफेसर मेहता लगातार अखबारों में कॉलम लिखते रहे, जिनमें वो इस बात पर मुखर रहे कि मौजूदा सरकार की नीतियां अभिव्यिक्ति की आजादी का हनन कर रही हैं. छात्रों का आरोप है कि इन पर राजनीतिक दबाव बनने लगा और फिर मजबूरन इन दोनों को एक के बाद एक इस्तीफा देना पड़ा.