सोनीपत: किसान आरक्षण संघर्ष समिति ने बैठक कर ऐलान किया कि अगर सोनीपत लोकसभा सीट से किसी बाहरी व्याक्तिकों चुनाव मैदान में उतारा गया तो इसका परिणाम पार्टीयों को भुगतना पड़ेगा. किसान आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश दहिया का कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों राष्ट्रीय पार्टि जो बाहरी कैंडिडेट को सीट से टीकट देने की सोच रही है. इस लेकर यहां कि जनता में रोष है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार को उतारने की उम्मीद की है.
कांग्रेस और बीजेपी द्वारा सोनीपत में बाहरी उम्मीदवार को लोकसभा चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में गरमाई हुई है. ऐसे में जिले के लोग बाहरी उम्मीदवार का बहिष्कार करने का मन बनाने में जुटे हुए हैं.
डॉ राजेश दहिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान आरक्षण संघर्ष समिति किसान आरक्षण संघर्ष समिति नेसोनीपत में बैठक कर बाहरी उम्मीदवारों का बहिष्कार करने का ऐलान भी कर दिया है. संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजेश दहिया ने कहा कि सोनीपत लोकसभा में 10 लाख से अधिक मतदाता है. ऐसे में क्या इन दोनों पार्टियों को इन 10 लाख से अधिक मतदाताओं में से कोई भी ऐसा उम्मीदवार नहीं मिला जो सोनीपत से संबंधित हो और जिस पर सोनीपत की जनता को विश्वास कर सके.
ऐसे में बाहरी उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारने से सोनीपत जिले के किसानों में रोष है. समिति ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों से मांग की है कि वे सोनीपत से संबंधित उम्मीदवार को ही चुनावी मैदान में उतारे, अगर ऐसा नहीं हुआ तो सोनीपत के 10 लाख मतदाताओं के आत्मसम्मान को ठेस होगी और इसके परिणाम घातक साबित हो सकते हैं.अगर ऐसा हुआ तो जिले की सभी ग्राम पंचायत और संस्थाएं चुनाव का बहिष्कार करेगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा हुआ तो ऐसे उम्मीदवार को वोट करने का विचार कर सकते हैं, जो उनके वादों पर खरा उतरने की जिम्मेदारी लेगा.