सोनीपत में किसानों की महापंचायत: 14 फरवरी को फूंकेंगे सरकार का पुतला, इन मांगों को लेकर धरना जारी सोनीपत: खरखौदा में केएमपी टोल प्लाजा पर रविवार को सोनीपत में किसानों की महापंचायत हुई. जिसमें कई अहम फैसले किए गए. महापंचायत में फैसला किया गया कि राजस्थान के हनुमानगढ़ में 7 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. इसमें किसान आंदोलन की रणनीति पर आखिरी मुहर लगाएंगे. किसानों ने फैसला किया कि 14 फरवरी को हरियाणा के सभी जिलों में जिला मुख्यालयों पर सरकार का पुतला फूंका जाएगा. इसके अलावा 18 फरवरी को पिपली टोल पर पंजाब और हरियाणा के किसान संगठन इक्क्ठा होंगे. जिसमें आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा.
किसानों ने साफ किया कि जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों के मुताबिक पिछले साल हरियाणा सरकार ने कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ एक रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की जा रही है. जिन किसानों की भूमि रेलवे कॉरिडोर के लिए सरकार ले रही है, वो सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार उन्हें उचित मुआवजा नहीं दे रही. इसके विरोध में किसान सरकार के खिलाफ कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे पर जितने भी टोल प्लाजा बने हुए हैं. वहां पर धरना दे रहे हैं.
महापंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. इसके अलावा किसानों की मांग हो कि किसान आंदोलन के दौरान जितने भी किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं वो अभी तक वापस नहीं हुए हैं. सभी मुकदमे वापस होने चाहिए, इसके अवाला एमएसपी गारंटी कानून की भी किसान मांग कर रहे हैं. इन मांगों को लेकर सोनीपत के पीपली टोल पर किसानों ने महापंचायत की और आगामी रणनीति बनाने के लिए कुछ फैसले लिए. ये महापंचायत सुबह 11 बजे से शाम करीब 5 बजे तक चली. इस महापंचायत में हरियाणा के साथ राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु व अन्य प्रदेशों से भी किसान पहुंचे थे.
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किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ व जगजीत सिंह डल्लेवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि राजस्थान के हनुमानगढ़ में 7 फरवरी को एसकेएम की बैठक में चर्चा कर आगामी रणनीति पर फाइनल विचार विमर्श किया जाएगा. इसके अलावा 14 फरवरी को हरियाणा सरकार का फूंका संपूर्ण हरियाणा में जिला मुख्यालय पर किया जाएगा. इसके अतिरिक्त 18 फरवरी को पिपली टोल पर पंजाब व हरियाणा के किसान संगठन एक बार फिर इक्क्ठा होंगे. किसानों ने कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूर्ण नहीं होगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.