हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

Farmers Mahapanchayat in Sonipat: 8 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे किसान, सोनीपत के गोहाना में महापंचायत

Farmers Mahapanchayat in Sonipat हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में किसान एक बार फिर महापंचायत कर ने जा रहे हैं. 8 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान 10 सितंबर को सरकार के खिलाफ एक बार फिर से हुंकार भरने की तैयारी में हैं. इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा के युवा नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने किसानों के साथ बैठक की है. आखिर किसानों की क्या मांगें हैं, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Farmers Mahapanchayat in Sonipat
सोनीपत के गोहाना में महापंचायत

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 5, 2023, 11:20 AM IST

Updated : Sep 5, 2023, 1:38 PM IST

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़.

सोनीपत: किसान एक बार फिर से सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने की तैयारी में हैं. किसानों का कहना है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के बाद सरकार ने तीन कृषि कानून वापस लेने की मांग तो मान लिया. लेकिन, एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग के साथ-साथ कई मांगें सरकार ने लंबित रख दीं. ऐसे में सरकार के खिलाफ आगामी आंदोलन में किसानों की क्या रणनीति रहने वाली है इसको लेकर सोनीपत के गोहाना में 10 सितंबर को महापंचायत का आयोजन किया गया है.

एक बार फिर से सरकार के खिलाफ हुंकार भरने की तैयारी में किसान: हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ हुंकार भरने की तैयारी में हैं. इस बार किसानों को एकजुट करने की जिम्मेदारी युवा किसानों को सौंप दी गई है. महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के युवा नेता अभिमन्यु कोहाड़ कई जिलों के गांव में लगातार जनसंपर्क अभियान के माध्यम से किसानों से संपर्क साध रहे हैं.

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने सरोहा खाप के जनप्रतिनिधियों के साथ की बैठक.

गोहाना में किसान महापंचायत में आंदोलन को लेकर बनेगी रणनीति: इसी कड़ी में अभिमन्यु कोहाड़ और अन्य युवा किसान नेता गांव बेयापुर पहुंचे और सरोहा खाप के जनप्रतिनिधियों से 10 सितंबर को गोहाना में होने वाली महापंचायत को लेकर विचार विमर्श किया. किसान नेता ने इस दौरान सरोहा खाप प्रतिनिधियों के सामने अपनी 8 सूत्रीय मांग रखी, जिनमें से प्रमुख मांग एमएसपी गारंटी कानून बनवाने की है. वहीं, भूमि अधिग्रहण बिल 2013 को एक बार फिर से लागू करवाना किसानों का मकसद बन चुका है. इसके अलावा किसान आंदोलन के दौरान 150 किसान जान गंवाने वाले किसान परिवारों को सरकारी नौकरी देने की मांग भी किसान कर रहे हैं. इस महापंचायत में कई अन्य मांगों पर भी विचार विमर्श किया जाएगा और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी अब किसान कर रहा है.

अभिमन्यु कोहाड़ ने सरकार पर लगाए ये आरोप: सोनीपत के गांव बेयापुर में किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, केंद्र और हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और पिछले 9 साल में देश का हर वर्ग अपनी किसी न किसी समस्या को लेकर सरकार से परेशान है. उन्होंने कहा कि, सरकार ने एमएसपी का मुद्दा अभी तक हल नहीं किया. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया. भूमि अधिग्रहण बिल 2013 में संशोधन हरियाणा सरकार ने किए हैं, उसका मुद्दा अभी तक हल नहीं किया गया.

ये भी पढ़ें:गुरनाम सिंह चढूनी ने की 25 नवंबर को पीपली में बड़ी किसान रैली का ऐलान, जाट धर्मशाला कुरुक्षेत्र में हुई भाकियू की बैठक, ये हैं नई मांगें

10 सितंबर को गोहोना में किसानों की महापंचायत: अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि, युवाओं के सामने बेरोजगारी का मुद्दा खड़ा है लेकिन सरकार हर मुद्दे पर असफल रही है. इन हालातों में सरकार जनता को धर्म और जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है. इसी को लेकर 10 सितंबर को गोहाना की नई अनाज मंडी में एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. महापंचायत की तैयारियां 2 अगस्त से शुरू कर दी गई थी और अभी तक हर गांव में जाकर किसानों और युवाओं को इस बात के लिए जागरूक किया जा रहा है.

किसानों की मांगें: अभिमन्यु कोहाड़ ने इस महापंचायत में रखी जाने वाली आठ सूत्रीय मांगों पर बोलते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल में जो संशोधन किए थे उसे वापस लिया जाए और 2013 भूमि अधिग्रहण बिल को दोबारा से लागू किया जाए, एमएसपी पर गारंटी कानून बनाया जाए और कानून भी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट अनुसार होना चाहिए, मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना से जो लूट मचाई जा रही है उसको बंद किया जाना चाहिए. पिछले 10-12 साल से जितने भी ट्यूबवेल के कनेक्शन खेतों में दिए जाने थे, उन्हें जल्द से जल्द दिया जाए क्योंकि उनकी सिक्योरिटी राशि भी सरकार के पास जमा है. इसके अलावा बाढ़ के चलते यमुना क्षेत्र में जो फसल बर्बाद हुई है, उसका मुआवजा जल्द से जल्द किसानों को दिया जाए.

नूंह हिंसा में जो भी दोषी है उसके खिलाफ कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए, उसमें कोई भी धर्म जाति और क्षेत्र नहीं देखा जाना चाहिए. एक निजी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में यह सामने आया था कि सीआईडी के अधिकारियों ने सरकार को तनाव की खबर 10 दिन पहले ही दे दी थी. सरकार चाहती तो हिंसा रोक सकती थी, इसी से हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता है. मेरा किसान खेती परिवार से हाथ जोड़कर निम्न निवेदन है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार की चालों को समझो इनकी साजिशों को समझो. यह आम जनता के सभी मुद्दों पर विफल हो गए, अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए अब यह हिंदू मुसलमान और जाति पाति की राजनीति कर रहे हैं. किसी भी तरह के दंगे में किसान शामिल न हों.- अभिमन्यु कोहाड़, किसान नेता

एक देश एक कर्ज माफी कानून की मांग: इसके साथ ही किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि, इस देश को बनाने में हर धर्म और जाति के लोगों का एक समान योगदान है. उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव करवाने से पहले सरकार एक कम करे. देश के किसानों के लिए एक देश एक कर्ज माफी कानून लेकर आए. इसके बाद सरकार एक देश एक चुनाव की बात करे. हम सरकार का इस बात में सहयोग करेंगे.

ये भी पढ़ें:सोनीपत में हिंदू महापंचायत, बीजेपी जिला अध्यक्ष तीरथ राणा ने कांग्रेस विधायक पर दिया विवादित बयान

Last Updated : Sep 5, 2023, 1:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details