सोनीपत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने की बात कही (three farm laws repealed) है. पीएम मोदी ने इस बात की जानकारी शुक्रवार सुबह गुरूपर्व के मौके पर देश को संबोधित करने के दौरान दी है. पीएम मोदी का यह फैसला तब आया है जब इन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के किसानों का एक समूह पिछले एक साल से आंदोलन कर रहा है. पीएम मोदी द्वारा इस बात की घोषणा करते ही दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डटे किसान खुशी के मारे झूम (Farmers Celibration Singhu Border) उठे. चारो ओर जश्न का माहौल है. किसान एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं. किसानों ने इसे लंबे संघर्ष की जीत बताया.
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को कानूनों को समझाने का भरपूरा प्रयास किया गया, सभी माध्यमों से लेकिन वह समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है. पीएम मोदी (Narendra modi farm laws) ने कहा कि कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
उन्होंने कहा कि हमने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इस सच्चाई से लोग अनजान हैं कि ज्यादा किसान छोटे किसान हैं. इनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन है. इन छोटे किसानों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. छोटी सी जमीन के सहारे ही वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया है.
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वहीं मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद किसान आंदोलन चलता रहेगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने किसान आंदोलन के जारी रहने की घोषणा की है. उनका कहना है कि जब तक तीन कृषि कानून संसद में रद्द नहीं हो जाते हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा.राकेश टिकैत ने साफ किया सरकार किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बात करे. उन्होंने कहा, 'आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.'
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