बरोदा: हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. इससे पहले बरोदा की जनता किन मुद्दों को लेकर वोट डालेगी ये जानने के लिए ईटीवी भारत हरियाणा की टीम पहुंची बरोदा विधानसभा के बरोदा गांव. ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में लोग बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार से खासे नाराज दिखे. शिक्षा का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो, किसान के मुद्दे हो या फिर गांव का विकास बरोदा गांव के लोगों के मुताबिक बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार सभी मोर्चों पर फेल साबित हुई है.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में ज्यादा रोष दिखा. गांव के किसानों ने बताया कि भले ही सरकार एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर धान की खरीद का दावा कर रही है. लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है. एमएसपी पर खरीद नहीं होने की वजह से किसानों की फसल औने-पौने दामों पर बिकी है.
किसानों में रोष
किसानों ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा की कांग्रेस सरकार में उनको धान की फसल के सही दाम मिले, लेकिन बीजेपी ने उनको कहीं का नहीं छोड़ा. यहां एक नारा भी बरोदा गांव के किसानों ने दिया. किसानों ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के राज में जीरी गई जहाज में और बीजेपी के राज में जीरी गई ब्याज में.
आपको बता दें कि बरोदा हलके का नाम बरोदा गांव के नाम से पड़ा और बरोदा इस विधानसभा का सबसे बड़ा गांव है. यहां पर 11 हजार से ज्यादा वोटर हैं. इस गांव की भौगोलिक स्थिति की अगर बात करें तो ये गोहाना तहसील से 15 किलोमीटर दूर है और सोनीपत बस स्टैंड से 70 किलोमीटर दूर है. जहां पर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की हालात बहुत ही ख़राब है.