सोनीपत:कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार 1 साल से दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें आखिरकार किसानों को सफलता मिल ही गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद सोमवार को लोकसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल (farm laws repealed bill parliament) पास हो गया है. वहीं सोमवार को ही सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक (punjab farmers union meeting) हुई. इस बैठक में आंदोलन की अन्य मांगों को लेकर चर्चा की गई.
पंजाब के किसान संगठनों की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के प्रधान और संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य जंगवीर सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद में तीनों कृषि कानून रद्द कर दिए हैं. अब संयुक्त किसान मोर्चा ((samyukt kisan morcha emergency meeting) ने 1 दिसंबर को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. 1 दिन सरकार को दिया गया है ताकि हमारी सभी मांगें मानी जाए. 1 दिसंबर को 11 बजे बैठक शुरू होगी. आंदोलन अभी जारी रहेगा. आंदोलन की रणनीति अगली बैठक में तय होंगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए हमारी बड़ी मांगें तो मान ली हैं. अब अगर छोटी मांगें भी मान लें तो एक दिसंबर को किसान वापस अपने घर लौट जाएंगे.
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