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पारंपरिक खेती छोड़ बागवानी की तरफ बढ़ रहे किसान, तीन महीने में होता है 10 लाख तक कारोबार

खेती-बाड़ी को लेकर हरियाणा के किसानों की सोच अब बदल रही है. सोनीपत जिले के मछोला गांव के युवा किसान सुनील कुमार बेर की खेती (berry cultivation sonipat haryana) कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

berry cultivation sonipat haryana
सोनीपत में बेर की खेती.

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Published : Mar 28, 2022, 6:33 PM IST

सोनीपत: हरियाणा के किसानों का पारंपरिक खेती से मोह भंग हो रहा है. अब यहां के किसान मुनाफा देने वाली फसलों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. सोनीपत जिले के मछोला गांव के रहने वाले युवा किसान सुनील कुमार गेहूं और धान की परंपरागत खेती को छोड़कर फलों की खेती कर मोटी कमाई कर रहे हैं. तीन महीने की इस फसल से किसान लाखों रुपए का मुनाफा भी कमा रहे हैं.

ऑर्गेनिक बेर की भारी डिमांड- युवा किसान सुनील 1 एकड़ में बेर का बाग लगाकर (berry cultivation sonipat) अपनी कमाई को दोगुना कर दिया है. बाग में तैयार बेर को मंडियों में ना बेचकर खुद ही फल बेचने वालों को पैकिंग कर सप्लाई कर रहे हैं. इससे उनका मुनाफा भी बढ़ रहा है. सुनील ने बाग में तीन एप्पल, बाल सुंदरी , माधोपुर किस्म के बेर लगाए हैं. ये बेर का बाग पूरी तरह से ऑर्गेनिक है, जिसकी वजह से इसकी काफी डिमांड है.

बेर की फसल से मोटा मुनाफा कमा रहे सोनीपत के सुनील.

साल 2020 में लगाई थी बाग- किसान सुनील कुमार ने बताया कि उसने 2020 में इस बाग को लगाया था और शुरुआत में इसको लगाने के लिए ढाई लाख रुपए की लागत आई थी. पहले ही सीजन में ही पूरी लागत निकल आई. अब वो हर सीजन लगभग 10 लाख रुपए के बेर आसपास की मार्केट में बेच रहे हैं और अब विदेशों में भी इसे भेजने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके भाई ने उन्हें बेर के ऑर्गेनिक बाग लगाने की सलाह दी थी.

एप्पल वेरायटी की बेर.

तीन महीने ही होता है बेर का सीजन-इस बाग में तीन महीने जनवरी, फरवरी और मार्च माह में ही बेर के पेड़ों में फल आते हैं. इसके बाद इन बेर के पेड़ों को नीचे से काट दिया जाता है. बाग को तैयार करने में किसी भी पेस्टिसाइड का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. सुनील बताते हैं कि वे बाग में गाय के गोबर से तैयार की गई खाद व मलमूत्र प्रयोग कर रहे है. खाद के लिए बाग के करीब ही गाय भी पाली है. लोगों की सेहत का ख्याल रखते ही कैमिकल फ्री बेर तैयार कर रहे हैं. अब अन्य फलों की खेती की भी तैयारी की जा रही है.

मार्केट में बेचने के लिए डब्बों में पैक की जाती बेर.

युवा भी ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ा रहे कदम- गौरतलब है कि अब हरियाणा का किसान परंपरागत खेती को त्याग कर सब्जियों और फलों की खेती कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. अब प्रदेश के युवा भी नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक खेती की ओर अपना कदम बढ़ रहे हैं. ऐसा करने में सरकार और कृषि विभाग भी इनकी मदद कर रहा है. ऑर्गेनिक खेती (organic farming in haryana) से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है, साथ ही वे दूसरों को रोजगार भी दे रहे हैं.

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