सोनीपत: बुटाना चौकी के एसपीओ कप्तान सिंह और सिपाही रविंद्र की हत्या की घटना में सीआईए-2 की टीम द्वारा घटनास्थल पर आरोपियों की मौजूदगी और पुलिसकर्मियों के वहां पहुंचने की स्थिति को दोबारा से दोहराया जाएगा. आरोपियों द्वारा हमला करने और वहां से भागने की घटना को इससे बारीकी से समझा जा सकेगा. बताया जा रहा है कि वारदात को रीक्रिएट करने से अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी.
बुधवार को सीआईए-2 की टीम आरोपियों को लेकर जींद पहुंची और आरोपियों के घटनास्थल तक आने शराब, खाने का सामान खरीदने और घटना के बाद वापस जींद तक भागने के रास्ते का सत्यापन कराया गया.
पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी अमित को पुलिस ने 30 जून को ही मुठभेड़ में मार गिराया था. साथ ही उसी दिन संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके बाद पुलिस ने हत्या में शामिल दो युवतियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
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घटना के एक सप्ताह बाद सीआईए-2 की टीम ने हत्या में शामिल नीरज और विकास को बुटाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था. शुरुआती पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने युवतियों की मदद से पुलिसकर्मियों के हाथ पकड़े थे और अमित ने उन पर चाकू के ताबड़तोड़ वार किए थे. पुलिस को आरोपितों का पता सिपाही की हथेली पर लिखे कार के नंबर से पता चला था.