सोनीपत: पहलवानों भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए दो बार दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठे. 28 मई को जब देश के नामचीन पहलवान नई संसद भवन के सामने महापंचायत करने जा रहे थे, तब उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लेकर उन्हें वहां से उठा दिया. हालांकि 15 जून को दिल्ली पुलिस अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है, लेकिन शनिवार को महिला पहलवान साक्षी मलिक और उसके पति सत्यव्रत कादयान ने पहलवान आंदोलन में विपक्ष की साजिश पर खुलासा करते हुए धरने के पीछे भारतीय जनता पार्टी के दो नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा पर गंभीर आरोप लगाया.
तीर्थ राणा ने आरोपों को बताया बेबुनियाद: सत्यव्रत कादियान ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि जंतर-मंतर पर होने वाले पहलवानों के सबसे पहले धरने का परमीशन दो बीजेपी नेताओं के नाम पर लिया गया था. वहीं, तीर्थ राणा अपने ऊपर लग रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और सरकार पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए काम कर रही है और अब अमित शाह इस पूरे मामले को देख रहे हैं, मैं पहले भी पहलवानों के साथ खड़ा था और आज भी पहलवानों के साथ खड़ा हूं.
बीजेपी नेता तीर्थ राणा ने दी ये सफाई: तीर्थ राणा ने आज साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादयान द्वारा सोशल मीडिया पर जारी किए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'खिलाड़ी देश के स्टार हैं और पूरा देश खिलाड़ियों का सम्मान करता है. खिलाड़ी अपने लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनके साथ मैं पहले भी खड़ा था और आज भी खड़ा हूं. सबसे अच्छी बात यह है कि देश के गृहमंत्री अमित शाह इस पूरे मामले को अब खुद देख रहे हैं. पहले खिलाड़ियों के साथ जो नहीं हो पाया और उनके बीच में गैप बना अब अमित शाह उसको पूरा कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा. इस पूरे प्रकरण पर मेरी भूमिका पर कोई भी सवालिया निशान नहीं उठ रहे हैं, पार्टी और आला नेताओं ने मुझे इस पूरे मामले में बताया है.'