सोनीपत: जहरीली शराब के सप्लायरों के राज एक-एक कर खुलने शुरू हुए हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपित आबकारी विभाग के समानांतर धंधा चला रहे थे. शहर और गांव में अवैध ठिकाने बनाने के अलावा शराब के ठेकों से भी अवैध शराब की बिक्री की जाती थी. शहर में ही 20 से ज्यादा स्थानों पर 50 पेटी अवैध शराब की बिक्री की जाती थी. आरोपितों के निशाने पर ज्यादातर मलीन बस्तियां और दूर-दराज की कालोनियां रहती थीं.
शाम होते ही निकल जाते थे सप्लाई के लिए
अवैध शराब की सप्लाई को सतपाल ने शहर में आठ युवक लगाए हुए थे. ये शाम होते ही स्कूटी से शराब की सप्लाई शुरू कर देते थे. शहर में अवैध शराब की औसतन 50 पेटी रोजाना की सप्लाई होती थी. सतपाल और उसके साथ सप्लाई करने वाले बाघडू के रणवीर ने अवैध शराब की बिक्री वाले 50 स्थानों की पहचान कराई है.
नशा कम होने की शिकायत पर बढ़ाई केमिकल की मात्रा
जहरीली शराब के मुख्य सरगना सतपाल बैंयापुर ने बताया कि नैना ततारपुर में तैयार की जा रही शराब के पिछले लाट में केमिकल की मात्रा कम रह गई थी. इससे शराब पीने से नशा कम होने की शिकायत मिल रही थी. ऐसे में धंधा चौपट हो जाने का डर था. इसके चलते नए लाट में केमिकल की मात्रा थोड़ी बढ़ाने को कहा गया था. गलती से फैक्ट्री वालों ने ज्यादा केमिकल डाल दिया. इससे शराब जहरीली हो गई. शराब के नए लाट की सप्लाई 28 अक्टूबर को की गई थी. इसके जहरीली होने का पता एक नवंबर को लोगों की तबीयत खराब होने पर लगा था.