हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

कृषि अध्यादेश के खिलाफ 15 अगस्त को भाकियू का प्रदर्शन - कृषि अध्यादेश 15 अगस्त प्रदर्शन

केंद्र सरकार ने कृषि से जुड़े तीन अध्यादेश पारित किए हैं, जिससे हरियाणा सहित कई प्रदेशों के किसान नाखुश हैं. भाकियू ने अध्यादेशों के खिलाफ 15 अगस्त को काले झंडे फहराकर विरोध करने का फैसला लिया है.

bhartiya kissan union to protest with black flags on 15 august
कृषि अध्यादेश के खिलाफ 15 अगस्त को भाकियू का प्रदर्शन

By

Published : Aug 14, 2020, 6:12 PM IST

सोनीपत:भारतीय किसान यूनियन की बैठक गन्नौर की नई अनाज मंडी में आयोजित की गई. जिसकी अध्यक्षता किसान नेता रोहताश मलिक और जयभगवान मलिक ने की. बैठक में ये निर्णय लिया गया कि भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चडूनी के नेतृत्व में 15 अगस्त को जिला स्तर पर काले झंडे लेकर किसान विरोध प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि हरियाणा के सैकड़ों किसान लंबे वक्त से केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं और अब 15 अगस्त को भाकियू की ओर से स्वतंत्रता दिवस के दिन काले झंडे लेकर विरोध करने का फैसला लिया गया है. किसान ने रोहताश मलिक ने कहा कि ये अघ्यादेश पूरी तरह से किसान विरोधी है. उनके लागू होने से किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा.

रोहताश मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को बुरी तरह से बर्बाद करने पर तुली है. तीनों अध्यादेश किसानों के विरोध में हैं और अमीरों के हक में. अध्यादेश के पास होने के बाद मंडियां टूट जाएंगी और पूंजीपतियों को इसका फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार तीनों अध्यादेश वापस नहीं लेगी तो मजबूरन किसानों को खेत छोड़कर सड़क पर आना पड़ेगा.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कृषि से जुड़े तीन अध्यादेश व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, मुल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन ) अध्यादेश पारित किए हैं. केंद्र सरकार के खेती-किसानी से जुड़े इन तीन अध्यादेशों के खिलाफ पंजाब सहित हरियाणा के किसान भी नाखुश है.

व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश:

इस अध्यादेश में किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की सुविधा मिलेगी. किसानों की फसल को कोई भी कंपनी या व्यक्ति खरीद सकता है. वहीं इस अध्यादेश में किसानों को तीन दिन के अंदर पैसे मिलने की बात कही गई है. इस अध्यादेश की सबसे बड़ी बात तो ये है कि अगर किसान और व्यापारी में कोई विवाद होगा तो उसका निपटारा जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा तीस दिनों के भीतर किया जाएगा.

मुल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा समझौता अध्यादेश:

इस अध्यादेश के तहत सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट खेती को बढ़ावा देने की बात कही है.

ये भी पढ़िए:खेती-किसानी से जुड़े इन 3 अध्यादेशों पर जारी है घमासान, आसान भाषा में जानिए पूरी कहानी

आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन )अध्यादेश:

देश में कालाबाजारी को रोकने के लिए साल 1955 में आवश्यक वस्तु अधिनियम बनाया गया था. इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एक निश्चित मात्रा से अधिक खाद्य वस्तुओं का भंडारण नहीं कर सकता था. अब केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए अध्यादेश में आलू, प्याज और तिलहन जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगाई गई रोक को हटा लिया गया है. इस अध्यादेश के माध्यम से लोग इन सामानों की जितनी चाहें स्टॉक जमा कर सकते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details