चंडीगढ़: शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2019-20 के लिए आम बजट पेश किया. बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये का सेस लगाया गया है. अतिरिक्त सेस लगने के बाद डीजल के दाम दो से ढाई रुपये तक बढ़ गए हैं. जिसके कारण किसानों से लेकर ट्रांसपोटर्स तक पर अतिरिक्त भार पड़ने वाला है.
इस बार के बजट में जहा शिक्षा और स्वास्थ्य में अच्छ खासा बजट दिया गया है वहीं पेट्रोल-डीजल पर लगाए गए 1 रुपये अतिरिक्त सेस से तेल के दामों में बढ़ोतरी हो गई है. डीजल में बढ़ते दामों का सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों पर पड़ना तय है. दसअसल बढ़ती महंगाई और मॉनसून में देरी के चलते किसान पहले से ही दोहरी मार झेल रहे थे. अब अचानक डीजल पर बढ़ाए गए 1 रुपये सेस से किसानों के लिए समस्या ओर बढ़ जाएगी.
किसानों पर ऐसे बढ़ेगा खर्च
बता दें कि एक एकड़ जमीन से सालभर में दो फसलें लेने पर करीब 150 रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे. धान में 100 रुपये और गेहूं में 50 रुपये प्रति एकड़ का खर्च बढ़ गया है. दूसरी ओर अब डीजल ऑयल से खेती करने वाले किसानों पर अब प्रति एकड़ 300 से 400 रुपये अतिरिक्त खर्च बढ़ जाएगा.
हरियाणा में करीब 2.97 लाख डीजल पंप और 2.98 लाख ट्रैक्टर हैं. बढ़े डीजल के दामों से प्रदेश के करीब 16.17 लाख किसान परिवार इससे प्रभावित होंगे. बड़ी सिरदर्दी 2.97 लाख किसानों को होगी जो डीजल पंप से खेती करते हैं. उनका खर्च 300 से 400 रुपए प्रति एकड़ तक बढ़ जाएगा.