सिरसाःचौटाला शब्द तो आपने जरूर सुना होगा. चौटाला सिर्फ नेता का नाम नहीं बल्कि एक गांव भी है. चौटाला सिरसा जिले में है. चौटाला वो गांव है जिसने देश को उप प्रधानमंत्री (Former deputy PM devi lal village Chautala) देवीलाल दिया. प्रदेश को मुख्यमंत्री के रूप में ओपी चौटाला दिया. और अब डिप्टी सीएम के रूप में उसी परिवार के दुष्यंत चौटाला भी हैं. इसके अलावा इस गांव से 5 विधायक भी बन चुके हैं. जिस गांव के नेता केंद्र से लेकर राज्य की सत्ता पर काबिज रहे हों वो गांव आज (plight of Chautala village of sirsa) दुर्दशा का शिकार है.
4 पीढ़ियों से राजनीति में है परिवार का दबदबा- आप अंदाजा लगा चुके हैं कि हम किसकी बात कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं हरियाणा की राजनीति में 4 पीढियों से दखल रखने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवी लाल के परिवार की. देवी लाल की आज चौथी पीढ़ी राजनीति में है. देवी लाल से लेकर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Haryana deputy cm Dushyant chautala) तक की जड़े चौटाला गांव से हैं. जिस गांव से लोग सत्ता के शिखर पर रहे हों आज उसके हालात क्या हैं आप देख सकते हैं.
2019 तक 5 विधायक बन चुके इस गांव से-हरियाणा की राजनीति में दमखम दिखाने वाले नेताओं का पुश्तैनी गांव चौटाला ही मूलभूत सुविधाओं से वंचित दिखाई दे रहा है. जिन नेताओं को अपने पैतृक गांव की बदहाली का मुद्दा सरकार के समक्ष उठाना चाहिए था उन नेताओं ने गांव की कई महीनों से सुध तक नहीं ली है. ग्रामीण इन नेताओं को कोसते हुए नजर आ रहे हैं. चौटाला से पांच विधायक बने हैं जिनमें उप मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री तक रह चुके हैं.
मंत्री विधायकों के गांव की गलियों में भरा है कीचड़- हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, विधायक अभय चौटाला, नैना चौटाला और अमित सिहाग का पैतृक गांव चौटाला है. लेकिन इन मंत्री और विधायकों ने गांव की तरफ झांककर भी नहीं देखा है. दरअसल पिछले कई दिनों से गांव की गलियों में कीचड़ ही कीचड़ (mud in streets of chautala village) दिखाई दे रहा है. ग्रामीणों ने डबवाली प्रशासनिक अधिकारियों को इस बाबत शिकायत भी दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
हालात यह हैं कि गांव की गलियों से गुजरना ही दुश्वार हो गया है. लोग जान जोखिम में डालकर गली को पार करते हैं. कई बार यहां हादसे भी हो चुके है लेकिन शासन और प्रशासन ने इन हादसों से कोई सबक नहीं लिया. ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन और सरकार जल्द से जल्द गांव की गलियों की समस्या का समाधान करे.