सिरसा: हरियाणा के सिरसा के ओटू झील में इन दिनों प्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला जारी है. देश और विदेश से कई पक्षी इस समय ओटू झील में आए हुए हैं. ओटू हेड पर 161 से अधिक किस्म के पक्षी हैं. कई किस्म के प्रवासी पक्षी भी यहां पर आते रहते हैं. सिरसा के जिला प्रशासन ने ओटू झील का निरीक्षण भी किया है. पिछले दिनों वेटलैंड इंटरनेशनल साउथ एशिया नामक एनजीओ दिल्ली की टीम की ओर से ओटू हेड पर वाइल्ड लाइफ, प्रवासी पक्षियों आदि के बारे में अध्ययन किया गया था.
एनजीओ की आई रिपोर्ट में इस झील को रामसर साइट के रूप में विकसित करने की सिफारिश की गई है यानि सिरसा का ओटू झील के जरिए टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. अब तक तक करीब 50 जगहों पर ही रामसर साइट घोषित हो चुकी है. ऐसे में सिरसा का ओटू झील को भी रामसर साइट में एंट्री को हरी झंडी मिलने के संकेत के बाद सिरसा जिले के साथ लगते पंजाब और राजस्थान के काफी इलाके को भी काफी फायदा मिलेगा.
दरअसल, हरियाणा व पंजाब में सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं. यह पक्षी प्राकृतिक झीलों तालाबों एवं जोहड़ों में विचरण करते हैं. सिरसा के ओटू लेक के अलावा देहात के जोहड़ तालाबों में हर बरस साइबेरिया रशिया तिब्बत व नॉर्थ अमेरिका से पक्षी आते हैं. ये पक्षी यहां पर प्रजनन करते हैं. तालाबों के अलावा बिजाई के सीजन में यह खेतों में सिंचित फसलों पर विचरते रहते हैं. गौरतलब है कि वैसे भी पंजाब और हरियाणा खेतिहर बाहुल्य राज्य हैं. इसके अलावा हरियाणा में करीब 10 हजार से अधिक जोहड़ हैं. खास बात यह है कि हरियाणा के एक छोर पर बसे सिरसा में इस तरह के अनेक पक्षी यहां आते हैं.
सिरसा के अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. आनंद कुमार ने बताया कि ओटू झील से टूरिज्म को बढ़ावा दोने के लिए जल्द ही ओटू हेड को रामसर साइट के रूप में घोषित किया जाएगा जोकि जिले के लिए बहुत गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि वेटलैंड इंटरनेशनल साउथ एशिया नामक एनजीओ दिल्ली की टीम द्वारा ओटू हेड पर वाइल्ड लाइफ प्रवासी पक्षियों आदि के बारे में अध्ययन किया गया था. हाल ही में एनजीओ की आई रिपोर्ट में इस झील को रामसर साइट के रूप में विकसित करने की सिफारिश की है. ऐसी संभावना है कि पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण मंत्रालय द्वारा ओटू झील को रामसर साइट के रूप में घोषित किया जाएगा.