सिरसा:हरियाणा के सिरसा में नगर परिषद चुनाव को लेकर हो रही वार्ड बंदी पर जिले के ही नगर पार्षदों ने सवाल उठा दिए हैं. शहर की नई वार्डबंदी के सर्वे को अब पार्षदों ने अदालत में चुनौती दे (Sirsa wardbandi survey challenged in court) दी है. नगर पार्षद विकास जैन का आरोप है कि प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते कई वार्ड की गलियों को दूसरे वार्ड में शामिल किया है, जोकि सरासर गलत है.
सिरसा में गलत तरीके से वार्डबंदी की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक मंशा के चलते नगर पार्षद विकास जैन सहित कई पार्षदों ने अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है और अदालत ने सिरसा नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. हालांकि सिरसा नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक ने नोटिस नहीं मिलने का दावा किया है. अब इस मामले में 10 नवंबर को सुनवाई होगी.
मीडिया के सामने शासन और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए नगर पार्षद विकास जैन ने बताया कि प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते गलत तरीके से वार्डबंदी की है. उन्होंने कहा कि कई वार्ड की गलियों को दूसरे वार्ड में शामिल किया गया (Sirsa new wardbandi survey) है. नगर परिषद का इलाका बढ़ने के बाद वार्डबंदी करवाई गई है. लेकिन कुछ लोगों ने राजनीतिक फायदा उठाने के लिए कई वार्ड की गलियों को दूसरे वार्ड में शामिल किया है.
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उन्होंने कहा कि इस वार्ड बंदी में काफी आपत्तियां दर्ज करवाई गई थी लेकिन प्रशासन ने किसी भी आपत्ति पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया. साथ ही प्रशासन ने सरकार को वार्डबंदी करने के लिए रिपोर्ट बनाकर भेज दी और सरकार ने वार्डबंदी को मंजूर भी कर दिया है. अब उन्होंने सिरसा शहर की नई वार्डबंदी के सर्वे को अदालत में चुनौती दी है. वहीं इस मामले में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सिरसा शहर की वार्ड बंदी हुई है और अभी फिलहाल उनके पास कोर्ट से कोई नोटिस नहीं आया है.