सिरसा:पिछले काफी सालों से घग्गर नदी का प्रदूषित पानी सिरसा के लोगों के लिए आफत बना हुआ है. इसके प्रदूषित पानी से लोगों को कैंसर के साथ अन्य कई भयानक बीमारी हो रही है. घग्गर नदी के आसपास उसके बेल्ट से सटे हुए करीब 50 ऐसे गांव हैं, जो इसके दूषित पानी का शिकार हैं. यहां के लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं.
इसके अलावा जल विभाग द्वारा घग्गर नदी से करीब एक दर्जन लहरें निकाली गई हैं. जिसका दूषित पानी सिरसा के करीब 160 गांव में पहुंचता है और उन गांवों को भी प्रभावित करता है. घग्गर के पानी से आसपास के किसान अपने खेतों की सब्जियों और दूसरी अन्य फसलों की सिंचाई करते हैं. जिस वजह से खेतों में उगने वाली सब्जियां और अन्य फसलें भी जहरीली होती जा रही हैं. इसका पानी इस कदर प्रदूषित हो गया है कि इसका पानी पीकर कई पशुओं की भी मौत हो चुकी है.
गंदे पानी से होती है खेतों में सिंचाई
घग्गर का पानी पीने के लिए इंसान तो क्या पशुओं के लायक भी नहीं है, लेकिन इसके पानी से किसान अपने खेतों की सिंचाई करते हैं. नदी के तटबंध पर अकेले सिरसा जिले में 531 पाइपलाइन हैं. जिससे किसान सीधे नदी के पानी को अपने खेतों में लगाते हैं. रबी के सीजन में 1 लाख हेक्टेयर में गेहूं इसी पानी से पकता है, तो खरीफ सीजन में करीब 60 हजार हेक्टेयर में चावल का उत्पादन होता है.
घग्गर नदी के पानी में कई ऐसे मेटल और अन्य वस्तुएं घुली हुई हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है. परिणाम स्वरूप सिरसा में कैंसर तेजी से फैल रहा है. काला पीलिया का तो सही सरकार आंकड़ां ही नहीं है. पंजाब से लगते इस सिरसा जिले में भी कैंसर के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही वजह है कि बठिंडा से बीकानेर के लिए रात को जो ट्रेन चलती है उसे भी लोग कैंसर एक्सप्रेस कहते हैं.