हरियाणा

haryana

By

Published : Jan 17, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 4:22 PM IST

ETV Bharat / state

तीन बार पहले नंबर पर रहने वाला सिरसा लिंगानुपात में साबित हुआ फिसड्डी

साल 2019 में सिरसा जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश कुछ सार्थक सिद्ध नहीं रहा और तीन बार पहले स्थान पर रहने वाला सिरसा जिला लिंगानुपात में 21वें स्थान पर चला गया था. ये आंकड़ा अक्टूबर 2019 का है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिसंबर के महीने में सिरसा 11वें स्थान पर आ गया है.

sex ratio in sirsa
sex ratio in sirsa

सिरसा: बेटियों को लेकर सिरसा जिले के लोग पिछले कुछ सालों में बेहद सजग नजर आए हैं. यही वजह है कि पिछले चार सालों में सिरसा जिला 3 बार पहले स्थान पर रहा. साल 2015, 2016 में लिंगानुपात में सिरसा टॉप रहा था जबकि 2017 में यह चौथे स्थान पर लुढ़क गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर सख्ताई की गई.

2018 में 935 बेटियों के साथ सिरसा जिला एक बार फिर पहले स्थान पर आ गया था, लेकिन सिरसा का 2019 में 21वें और 11वें स्थान पर आना चिंता का विषय है, जिसको सुधारने में अब स्वास्थ्य विभाग लग गया है. स्वास्थ विभाग के अनुसार जनवरी में अब तक लड़कियों की संख्या 920 हो चुकी है और उनका दावा है कि वह सिरसा को एक बार फिर से पहले स्थान पर ले आएंगे.

तीन बार पहले स्थान पर रहने वाला सिरसा लिंगानुपात में साबित हुआ फिसड्डी, पहुंचा इस नंबर पर.

लिंगानुपात में सिरसा जिला
साल लड़कियां स्थान
2015 915 प्रथम
2016 935 प्रथम
2017 928 चौथा
2018 935 प्रथम

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि सितंबर-अक्टूबर में सिरसा लिंगानुपात में 21वें स्थान पर चला गया था लेकिन उसके बाद अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर सख्ताई और छापेमारी के बाद दिसंबर के महीने में 1057 लड़कियों के साथ 11वें स्थान पर आ गए.

ये भी पढ़िए:नए मोटर व्हीकल एक्ट की जुर्माना राशि पर विचार करेगी सरकार, चालान की राशि में होगी कमी

जनवरी में अभी तक यहां लड़कियों की संख्या करीब 920 हो गई है जोकि हमारे लिए अच्छी खबर है. उन्होंने कहा कि लिंगानुपात मामले में शहरी क्षेत्रों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्र लिंगानुपात के मामले में शहरों को पीछे छोड़ रहे हैं. हम ग्रामीणों को और भी जागरूक करने का काम करेंगे जिससे हमारी स्थिति में और भी ज्यादा सुधार हो सके. उन्होंने दावा किया कि हम सिरसा को एक बार फिर से पहले स्थान पर ले आएंगे.

लिंगानुपात में टॉप पर आना मुश्किल नहीं है लेकिन प्रथम स्थान पर बने रहना सबसे ज्यादा मुश्किल है. सिरसा जिला पिछले 4 सालों में तीन बार पूरे हरियाणा में पहले स्थान पर रहा है. इससे साफ जाहिर है कि सिरसा जिला बेटियों को लेकर पिछले कुछ सालों में बेहद सजग रहा है. हालांकि 11वें स्थान पर चले जाना सिरसा के लिए एक चिंता का विषय है.

इसका दूसरा पहलू भी यह है की जब 1057 लड़कियों के साथ सिरसा 11वें नंबर पर पहुंचा, तो इससे आगे आने वाले जिलों में बेटियों की संख्या सिरसा से कहीं ज्यादा होगी. जो एक खुशी की बात है और इससे पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में बेटियों को लेकर सिरसा में ही नहीं बल्कि बाकी जिलों में भी काफी सुधार हुआ है और हरियाणा वासी बेटियों के प्रति काफी सजग हुए हैं.

ये भी पढ़िए: शराब बंदी के लिए इस जिले के गांवों से आई सबसे ज्यादा एप्लीकेशन

Last Updated : Jan 17, 2020, 4:22 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details