सिरसा: शहर के इंस्टीट्यूट संचालक शुक्रवार को बरनाला रोड स्थित उपायुक्त कार्यालय में पहुंचे. यहां उपायुक्त से मुलाकात कर कोरोना गाइडलाइन के अनुसार बंद पड़े इंस्टीट्यूट को खोलने की मांग को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा (sirsa coaching institute protest) गया. इंस्टीट्यूट संचालकों ने कहा कि पिछले दो वर्षों से उनका कार्य ठप्प पड़ा है. कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होते ही सबसे पहले इंस्टीट्यूट बंद कर दिए जाते हैं और सब कुछ खुलने के बाद इंस्टीट्यूट खोलने की इजाजत दी जाती है.
उन्होंने कहा कि शहर में कई छोटे इंस्टीट्यूट हैं जहां 10 से लेकर 50 तक बच्चे पढ़ने आते हैं. ऐसे इंस्टीट्यूट को बाजार में श्रेणी में लाते हुए 30 या 40 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की परमिशन दी जाए ताकि वे भी रोजी-रोटी कमा सकें. इंस्टीट्यूट बंद रहने से उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. किराया व बिजली बिल भरने के साथ-साथ घर खर्च चला पाना भी मुश्किल हो गया है. सिरसा कोचिंग इंच्टीट्यूट एसोसिएशन के प्रधान गुरविन्द्र सिंह ने कहा कि नियमों की आड़ में उनके साथ अन्याय हो रहा है, बाजार खुले हैं, किरयाणा व दुग्ध उत्पाद की दुकानों को आवश्यक श्रेणी में रखा गया है और देश का भविष्य बनाने वाले स्कूल, कालेज व कोचिंग सेंटर बंद हैं.
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