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पराली जलाने के मामलों में आई कमी, किसानों ने ढूंढा पराली जलाने का विकल्प - सिरसा किसान पराली विकल्प

सिरसा में किसानों द्वारा पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है. अब किसान पराली को जलाने के बजाए उसकी तूड़ी बनाकर गौशाला में भेज रहे हैं. सरकार द्वारा भी किसानों को पराली ना जलाने पर काफी सहूलियत दी जा रही है.

sirsa stubble burning cases
सिरसा: पराली जलाने के मामलों में आई कमी

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Published : Dec 20, 2020, 5:48 PM IST

सिरसा: किसानों और सरकार के लिए हमेशा से ही पराली एक अहम मुद्दा रहा है और पराली जलाने को लेकर कई किसानों पर सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई भी की गई है. लेकिन इस बार हरियाणा के सिरसा में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है और किसानों ने पराली जलाने का विकल्प भी ढ़ूंढ लिया है.

दरअसल सिरसा में एक किसान ने अपने खेत में करीब 2000 क्विंटल पराली जमा की हुई है. इस को पराली जलाने के बजाए मशीन के जरिए इसकी तूड़ी यानी गौवंशों के लिए चारा बनाकर गौशाला में दिया जाएगा. और ऐसे ही कई किसान है जो पराली को जलाने के बजाए इसे गौशाला में भजे रहे हैं.

सिरसा: पराली जलाने के मामलों में आई कमी

जब कृषि विभाग के अधिकारी से पराली जलाने के मामलों को लेकर बात की तो उन्होंने बताया की पिछले कुछ वर्षों को मुकाबले इस वर्ष पराली जलानों के मामलों में कमी आई है. उन्होंने बताया की इस वर्ष कुल 328 मामले सामने आए हैं और कुल 8 लाख 22 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

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कृषि विभाग का कहना है कि सरकार ने किसानों के लिए जहां पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए है तो वहीं किसानों के लिए कुछ सहूलियत भी दी हैं. अब की बार सरकार 1000 रुपए पर एकड़ के हिसाब से किसानों को उपलब्ध करवा रही है. जो किसान पंचायती लैंड में रखेंगे या कोई किसान पराली को किसी को बेचता है तो उसका बिल किसान के पास है तो सरकार द्वारा पर एकड़ 1000 रुपए उस किसान को मिलेंगे.

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