सिरसा: हरियाणा सरकार द्वारा बिना चुनाव करवाए गठित की गई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सरकारी) के खिलाफ अब सिख समाज के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. कमेटी के नवनियुक्त प्रधान महंत कर्मजीत सिंह के किसान आंदोलन में गुरु धामों द्वारा लगाए गए लंगरों पर विवादित बयान के बाद हरियाणा की सिख संगत और किसान विरोधस्वरूप सड़कों पर उतर आए हैं.
सिरसा के गुरुद्वारा साहिब पातशाही दसवीं में बड़ी संख्या में सिख समर्थक और किसान इक्क्ठे हुए, जिन्होंने गुरुद्वारा साहिब से चलकर बाजारों से होते हुए लालबत्ती चौक पर जाकर हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सरकारी प्रधान महंत कर्मजीत का पुतला फूंका और राज्यपाल हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपा. इस मौके पर सिख समाज के लोगों और किसानों ने जमकर नारेबाजी भी की.
मीडिया से बातचीत करते हुए भारतीय किसान एकता (बीकेई) अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि एसजीपीसी से हरियाणा के गुरुद्वारे के अलग होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबानों के प्रबंधन का जिम्मा हरियाणा की साध संगत को दिया था. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के जरिए कमेटी गठित करने का फैसला सुनाया था. वहीं, हरियाणा की बीजेपी सरकार ने पुलिस फोर्स के दम पर बिना चुनाव करवाए अपने समर्थकों के हाथों में गुरुधामों का प्रबंधन सौंप दिया. जिसका प्रधान महंत कर्मजीत और बलजीत सिंह दादूवाल को बनाया गया.