चौटाला गांव में ग्रामीण अस्पताल में डॉक्टरों की कमी. सिरसा: जिले में 5 विधायकों के पैतृक गांव चौटाला के ग्रामीणों (Villagers protest in Chautala of Sirsa) का धरना 19 दिन बाद भी जारी है. चौटाला गांव के सरकारी अस्पताल में बदहाल व्यवस्थाओं के चलते ग्रामीणों को धरने (Villagers protest in Sirsa) पर बैठने को मजबूर होना पड़ा. अस्पताल में डॉक्टर और अन्य स्टाफ की कमी के चलते ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों ने सरकार से अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारने और रिक्त पदों पर नियुक्ति करने की मांग की है, ऐसा नहीं करने पर ग्रामीण 26 दिसंबर को हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे.
सिरसा जिले के चौटाला गांव से इस समय पांच विधायक है, जो विधानसभा में अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सदन में सवाल-जवाब पूछते रहते हैं, लेकिन 5 विधायकों के बावजूद यह गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यही कारण है कि ग्रामीण अब जनप्रतिनिधियों से इस बारे में जवाब मांग रहे हैं. दरअसल, चौटाला गांव डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, विधायक अभय चौटाला, विधायक नैना चौटाला के साथ ही कांग्रेस विधायक अमित सिहाग का पैतृक गांव है. इसके बावजूद यहां के ग्रामीण अव्यवस्थाओं से परेशान हैं.
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चौटाला गांव के ग्रामीण पिछले 19 दिनों से गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी अस्पताल और गांव की बदहाली को लेकर धरना दे रहे हैं. अपनी मांगे पूरी नहीं होने से नाराज ग्रामीण 21 दिसंबर को जन चेतना यात्रा निकालेंगे. जिसमें आस-पास के गांवों के साथ ही राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के संगरिया से भी किसान शामिल होंगे. यह ग्रामीण हरियाणा विधानसभा का घेराव करेंगे. अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच कराने के साथ ही ग्रामीण यहां के सभी रिक्त पदों को भरने और अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
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ग्रामीणों की नाराजगी का बड़ा कारण प्रशासनिक उदासीनता भी है. ग्रामीण पिछले 19 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं, लेकिन सिरसा उपायुक्त और स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ ने कभी ग्रामीणों की सुध नहीं ली है. ग्रामीणों ने विरोध में एक दिन का पूर्ण बंद भी किया था. प्रशासनिक उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों की मांग है कि अस्पताल में 11 एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति के साथ ही प्रसूति व शिशु रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए. डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं होने तक ग्रामीण आंदोलन जारी रखेंगे.