सिरसा: 25 सितंबर से हरियाणा में धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है, लेकिन सिरसा जिले में धान और बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. सिरसा अनाज मंडी में धान की फसल लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि वो अपनी फसल मंडी में लेकर आए थे, लेकिन अभी तक धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. जिसकी वजह से किसानों को परेशानी हो रही है. किसानों ने बताया कि मंडी अधिकारी उन्हें गोल-मोल जवाब दे रहे हैं.
सिरसा में शुरू नहीं हुई धान की खरीद: किसानों ने कहा कि कभी अधिकारी कह रहे हैं कि फसल में नमी ज्यादा है, तो कभी कुछ और कारण बता रहे हैं. किसानों ने उम्मीद जताई कि जल्द ही मंडी में धान की सरकारी खरीद शुरु हो जाएगी. मंडी में आए किसानों का आरोप है कि अधिकारी कई बहाने बनाकर धान की खरीद नहीं कर रहे हैं. किसानों के मुताबिक अब उन्हें अपनी फसल को वापस घर ले जाना पड़ेगा. कुछ दिन बाद वो फसल लेकर वापस आएंगे.
किसानों का अधिकारियों पर आरोप: बता दें कि हरियाणा में धान का निर्धारित मूल्य 2183 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. धान के सीजन को देखते हुए जिला प्रशासन और मार्केट कमेटी ने व्यापक प्रबंध करने का दावा किया था, लेकिन मंगलवार को उनके दावों की पोल खुलती दिखाई दी. मंडी में आवारा पशु घूमते मिले. अभी तक मंडी में टूटे हुए शैड को सही तक नहीं करवाया गया है. ऐसे में अगर बारिश होती है, तो किसानों की फसल भीग सकती है.
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किसानों ने बताया कि आज वो अपनी धान की फसल लेकर आए हैं लेकिन सरकारी बोली नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद नहीं हुई और प्राइवेट फर्में कम दाम पर धान की खरीद कर रही हैं. वहीं सिरसा मार्केट कमेटी सचिव वीरेंद्र मेहता ने बताया कि धान की सरकारी खरीद अभी शुरू नहीं हुई है. इसके पीछे की वजह बारिश और बाढ़ है. जिसकी वजह से मंडी में धान की फसल अभी तक आनी शुरू नहीं हुई है. मंडी सचिव ने किसानों से अपनी धान की फसल को सुखाकर ही मंडी में लाने की अपील की है.