सिरसा:आपने किसान आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें देखी होंगी. विरोध जाहिर करने के अलग-अलग अंदाज भी देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे है. जो सिरसा से करीब 8 किलोमीटर दूर है और इनका विरोध करने का तरीका बिलकुल अलग है. गांव है नानकपुर है. गांव में एंट्री के कोने पर एक बैनर टंगा हुआ है. जिस पर स्पष्ट तौर पर लिखा है कि बीजेपी-जेजेपी का पूर्ण रूप से बहिष्कार, चेतावनी गांव मेंं घुसने पर मजदूर व किसानों द्वारा लठ फेरा जा सकता है, जैसे सरकार ने पिपली में किसानों पर फेरा था याद है ना.
इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि हम तो किसान हैं और सरकार के व्यवहार से हम सभी परेशान हैं. इसिलिए सभी गांव वालों ने मिलकर निर्णय लिया है कि अगर बीजेपी-जेजेपी का कोई भी नेता उनकी गांव में आएगा. तो पिपली में किसानों पर हुए अत्याचार की तर्ज पर उन नेताओं की पिटाई करेंगे और गलत व्यवहार करेंगे.
सिरसा के गांव में किसानों ने टांगा बैनर, लिखा पिपली की तर्ज पर पड़ेंगे नेताओं को लठ्ठ किसानों ने कहा कि वो केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानून के खिलाफ हैं. वह किसानों के हित में नहीं है. जिसको लेकर पूरे देश के किसान दिल्ली बार्डर पर डटे हुए हैं. किसानोंं के समर्थन मेंं हमने गांव में बैनर लगाया है. हम ग्राम की तरफ से बीजेपी-जेजेपी का बायकॉट करते हैं, अगर फिर भी कोई नेता गांव में आता है, तो हम उसे समर्थन नहीं करेंगे.
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बता दें कि, पिछले 39 दिनों से पूरे देश के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें किसानों की कुछ मांगों को मान लिया गया है और कुछ मांगों पर चर्चा करने के लिए 4 जनवरी को फिर से किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक होने वाली है.