सिरसा:टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic 2020) में आज भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास बनाने से चूक गई. आज भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women's Hockey Team) ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गई है. ग्रेट ब्रिटेन और इंडिया वूमेन हॉकी टीम का मैच था. टीवी स्क्रीन पर हार के बाद सभी भारतीय महिलाएं रोती हुई नजर आई. वहीं गोलकीपर सविता पुनिया का परिवार भी मायूस हो गया. सविता पूनिया के पिता महिंद्र पूनिया का कहना है कि (Savita punia Father's Reaction) खेल में हार-जीत होती रहती है, लेकिन हमें गर्व है. हमारी बेटियां आज इतना अच्छा खेली हैं और सेमी फाइनल तक पहुंची. यही नहीं भारतीय टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को कड़ी टक्कर दी.
टीम की इस हार पर सविता के पिता का कहना है कि सविता की हर जगह तारीफ हुई है. सविता भारत के लिए दीवार रूप में विरोधी टीम के सामने खड़ी रही है, लेकिन उन्हें निराशा है. उनका कहना है कि अकेली दीवार से काम नहीं चलता है जब तक छत ना हो. महेंद्र पूनिया ने कहा कि अकेली सविता ही नहीं बल्कि पूरी टीम को अब बेहतर तैयारी करनी होगी, ताकि वह आगे के टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर सके. महेंद्र सिंह का कहना है कि सविता ने कभी अपनी प्रेक्टिस में कमी नहीं की. सविता को जो भी काम टीम मैनेजमेंट की तरफ दिया जाता है उसे पूरा करती हैं. इसी तरह पूरी टीम को भी और मेहनत और लगन के साथ आगे के मैच के लिए तैयारी करनी होगी.
बता दें कि, सविता पूनिया ने इस टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन दिया है. सविता पूनिया महिला भारतीय हॉकी टीम की सबसे बेहतरीन गोलकीपर (Savita Punia best best goalkeeper) हैं. उन्हें दुनिया की नंबर-1 गोलकीपर का खिताब भी मिल चुका है. टोक्यो ओलंपिक में भी सविता भारतीय टीम के लिए ग्रेट वॉल (Savita Punia Goalkeeper) बनकर ऊभरीं. सविता पूनिया को शूटआउट रोकने में महारत हासिल है. साल 2018 में उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.