घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण परेशान सिरसा: पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ हरियाणा में भारी बारिश के चलते प्रदेश में नदियां उफान पर हैं. सिरसा जिले में घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. अंबाला, पंचकुला और अन्य स्थानों पर घग्गर नदी के उफान पर पहुंचने के बाद गुहला चीका हेड पर जलस्तर बढ़ गया है. हेड पर 61,870 क्यूसेक से ऊपर जलस्तर चला गया है. ऐसे में यहां घग्गर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जिसके चलते जिला प्रशासन ने ओटू झील खाली करवा दी है.
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ओटू में कैली जमा होने के बाद गेट खोल दिए गए हैं और पानी का जलस्तर भी कम हो गया है. ओटू पर 700 क्यूसेक पानी रहा गया है. कैली जमा होने से किसान घग्गर में उतर गए हैं. सिंचाई विभाग के द्वारा पोपलेन मशीन सहित 5 जेसीबी लगाकर कैली निकाली जा रही है. तटबंध मजबूत किए जा रहे हैं. 3 लाख से ज्यादा बैग मिट्टी से भरवाए गए हैं. बाढ़ संभावित 24 से ज्यादा गांवों में बिजली निगम बिजली व्यवस्था बनाने में जुटा है. गांवों में मुनादी करवाई जा रही है.
सिरसा जिले में घग्गर नदी उफान पर. वहीं, सिंचाई विभाग के अधिकारी भी बांध और तटबंधों का दिन-रात निरीक्षण करने में जुटे हैं. ओटू झील के गेट खोलने के बाद पानी राजस्थान की ओर छोड़ा गया है. कैली जमा होने के बाद तटबंध टूटने का खतरा ज्यादा बना हुआ है. ऐसे में जीवन नगर के किसान घग्गर में उतरकर कैली निकालने में जुटे हैं. सिंचाई विभाग की पोपलेन मशीन और 5 जेसीबी लगाकर कैली निकाली जा रही है. विभाग ने 10 से ज्यादा जेसीबी स्टेंड मोड़ पर खड़ी की हैं. वहीं, ओटू, जीवन नगर, 82 हजार बुर्जी, 79 हजार बुर्जी, 60 हजार बुर्जी और 1.20 लाख बुर्जी पर मशीनें लगाकर कैली निकाली जा रही है.
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घग्गर नदी के रास्ते में आने वाले दो दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का खतरा रहता है. इस दौरान बांधों व तटबंधों पर बिजली निगम बिजली की व्यवस्था जुटाने में लगा है. ताकि ठीकरी पहरे दौरान लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए. वहीं, कंट्रोल रूम बनाकर तीन शिफ्ट में कर्मचारी काम में लगे हुए हैं.
तटबंध को मजबूत करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी. बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन बचाव के पुख्ता प्रबंध करने में जुटा है। जिला प्रशासन के पास 11 किश्ती, 24 चप्पू, 85 लाइफ जैकेट, एक सर्च लाइट, रस्से, दो सिलेंडर मौजूद हैं। जबकि सिंचाई विभाग ने 3 लाख मिट्टी के बैग भरवाकर तैयार रखे हैं। गांवों में भी ग्राम सचिव को मिट्टी के बैग तैयार रखने के निर्देश दिए हैं.
घग्घर नदी में आज सुबह से करीब 4 फीट तक जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है और लगातार जलस्तर का बढ़ता जा रहा है, घग्गर में उफान आने से तटवर्ती गांव मुसाहिबवाला नेजाडेला झोंपड़ा मल्लेवाला व बप्पां सहित अन्य गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीण इलाकों में तटबंध कमजोर हैं. यही कारण है कि वर्ष 2010 में भी सिरसा जिला के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. इस बार पिछले दो दिनों से 60 से 65 हजार क्यूसेक पानी गुहला-चीका से सिरसा की तरफ छोड़ा जा रहा है.
सिरसा में बाढ़ संभावित 24 से ज्यादा गांवों में प्रशासन अलर्ट. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी बार-बार मौका मुआयना करते है, लेकिन किसी तरह की व्यवस्था नहीं कर रहे. बाढ़ बचाव के लिए मात्र प्लास्टिक के कट्टे ही उपलब्ध करवाए गए हैं. ग्रामीण अपने स्तर पर कट्टों में मिट्टी भर रहे हैं. जेसीबी की मदद से तटबंधों को मजबूत किया जा रहा है. आज से दिन-रात पहरा भी शुरू कर दिया गया है. सुबह से लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है और रात तक खतरे के निशान तक पानी बढ़ने की आशंका है. यही कारण है कि ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचती जा रही हैं. ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि रात्रि गश्त के लिए तटबंधों पर लाइट की व्यवस्था करवाएं. साथ ही जेसीबी और ट्रैक्टर के लिए डीजल उपलब्ध करवाया जाए. ताकि ग्रामीण अपने स्तर पर ही बाढ़ बचाव के लिए सुचारू कार्य कर सकें.
ग्रामीण जगदीप और जगदीश ने बताया कि, प्रशासनिक अधिकारी मौका मुआयना कर रहे हैं. व्यवस्था करने के नाम पर प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. ग्रामीण अपने स्तर पर तटबंधों पर मिट्टी डाल रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को बाढ़ से सुरक्षित किया जा सके. घग्गर नदी का जलस्तर सुबह से दोपहर तक कई फीट बढ़ चुका है. गुहला-चीका से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में जलस्तर से बढ़ने पर तटबंधों में कटाव आ सकता है. तटवर्ती गांवों में इसके चलते बाढ़ आने की संभावना है. तटबंधों को मजबूती और अन्य जरूरतों को लेकर आज ग्रामीणों ने सिरसा जिले के उपायुक्त पार्थ गुप्ता से भी मुलाकात की है.