Haryana Stubble Burning 2023: पराली नहीं जलाई तो किसानों को मिलेगा इनाम, जानें कैसे उठा सकते हैं फायदा, चाय के कप से लेकर मिलेंगे शानदार उपहार - Haryana stubble burning 2023
Haryana stubble burning 2023 हरियाणा में धान मंडियों में आने लगी है. वहीं कृषि विभाग पराली नहीं जलाने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है. अगर किसानों ने पराली नहीं जलाई तो इनाम में पराली से बने हुए चाय के कप उनको दिए जाएंगे. इसके अळावा एक हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से रकम भी मिल सकती है.
सिरसा/ भिवानी:हर साल पराली जलने पर उत्तर भारत में जानलेवा प्रदूषण फैलता है. इसको लेकर खास अलर्ट इस बार हरियाणा सरकार ने रखा है. अभी से किसानों को जागरूक करने की कोशिश शुरू हो गई है. इनाम के साथ-साथ कई तरह की योजनाएं किसानों के लिए लाई जा रही हैं.खास बात ये है कि किसानों को प्रेरित करने के लिए पराली से बने हुए कपों को इनाम में देने की तैयारी सरकार ने कर ली है.
हरियाणा में पराली जलाने के कितने केस ?:कृषि विभाग के अनुसारअगर आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2019 में करीब 6364 मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए. इसके बाद के साल में ये सख्या घटकर 4202 हो गई. पर अगले ही साल यानि 2021 में 6987 केस सामने आए. जो कि 2022 में फिर से घटकर 3661 रह गए. अभी तक 2023 के अप्रेल से जून तक करीब 2968 केस दर्ज किए गए हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि पराली का पीक 15 सितंबर के बाद आता है. अब धान की फसल मंडी में पहुंच गई है. फसल को बेचने के बाद किसान खेत से पराली निकालना शुरू करते हैं.
हरियाणा में पांच साल में पराली जलाने के मामले
कृषि विभाग की क्या है तैयारी?:कृषि विभाग सिरसा के उप निदेशक सुखदेव सिंह ने बताया,' करीब एक लाख पांच हजार हेक्टेयर में धान की खेती मेरे जिले में हुई है.हम गांव स्तर से लेकर ब्लाक लेवल तक कैम्प लगा रहे हैं.इनमें किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है. एक किट भी हम दे रहे हैं.इसमें एक कप और एक टी शर्ट है. खास बात ये है कि जो कप किसानों को दिया जा रहा है. वो कप पराली से ही बनाया हुआ है. जो पराली में आग ना लगाने का संदेश देता है.' इस तरह की पहल करके कृषि विभाग बताना चाहता है कि अगर आप पराली नहीं जलाएंगे तो उससे ऐसा सामान बनाया जा सकता है जो लोगों के काम आ सके. सुखदेव सिंह ने बताया कि जो किसान पराली नहीं जलाते हैं उन्हें प्रोत्साहन के रूप में प्रति एकड़ एक हजार रूपए भी देने का प्रावधान रखा गया है.
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा :कृषि विभाग का कहना है कि पराली प्रबंधन के लिए खास पोर्टल व्यवस्था भी लागू की गई है. जो किसान पराली नहीं जलाना चाहते हैं. वे अपना रजिस्ट्रेशन विभागीय पोर्टल पर कर सकते हैं. भिवानी के उप निदेशक डा. विनोद फोगाट ने बताया,'किसान इस स्कीम का लाभ लेने के लिए विभाग की वैबसाइट एग्री हरियाणा डाट जीओवी डाट इन पर जाएं. 30 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन करें. इसके अलावा जो इंडस्ट्री धान की पराली का उपयोग करती है, वो भी पैडी स्ट्रा सप्लाई चैन प्रोजेक्ट लगाने हेतू ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं.' इसके अलावा गौशाला आयोग के साथ पंजीकृत कई गौशालाएं पराली की गांठ भी खरीदेंगी. गौशालाओं को भी पांच सौ रूपए प्रति एकड़ और अधिकतम 15 हजार रूपए यातायात खर्च के एवज में अनुदान का दिया जाएगा.
किसान जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो रखें सुरक्षित:विभाग के अनुसार फसल प्रबंधन के लिए किसान को जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो भी विभाग को दिखानी होगी. जो किसान पराली को मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे.उनको इस काम का सबूत अपने पास रखना होगा. किसान प्रत्येक एकड़ में पराली का प्रबन्ध करते हुए जीपीएस लोकेशन वाली तस्वीरों का रिकार्ड अपने पास रखना होगा. इसके बाद पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा किए गए पराली प्रबन्धन के काम का सत्यापन ग्राम स्तरीय कमेटी करेगी. इसके बाद जिला स्तरीय कमेटी के अनुमोदन के बाद किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया जाएगा।