सिरसा:तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान लगातार धरने प्रदर्शन कर रहा है. 31 दिसंबर को किसानों ने 'नया साल किसानों के साथ' मुहिम के तहत सिरसा के सुभाष चौक पर रात 9 से 12 एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमे किसानों के साथ-साथ प्रत्येक वर्ग ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
इस कार्यक्रम में हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट के वकील अश्विनी बक्शी मुख्य अतिथि रहे. उन्होंने सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध किया और ये भी बताया ये तीनों कृषि कानून किस तरह वापस लिए जा सकते हैं.
हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट के वकीलों ने किया किसान आंदोलन का समर्थन हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट के वकील अश्विनी बक्शी ने बताया की सरकार ने कोरोना की आड़ में किसानों के लिए ये जो तीन कृषि कानून पारित किए हैं. किसान उनका सही विरोध कर रहे हैं. ये कानून जो किसानों के लिए बने है ये केवल किसान के हितों पर ही हमला नहीं है, बल्कि इनका असर प्रत्येक वर्ग पर पड़ेगा. सरकार ने ये कानून सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों के रिटेल बिजनेस को बढ़ाने के लिए किया है.
ये भी पढ़ें: चुनाव प्रचार को लेकर भूपेंद्र हुड्डा के बयान पर साथी नेताओं ने ही किया पलटवार
रिटेल बिजनेस कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में लाने के लिए सबसे जरूरी है की खेती पर कब्जा करना. ताकि फसल को सस्ते दामों पर खरीदकर फिर देश में कमी दिखाकर उसे महंगे दामो पर बेचें. आगे ये सिस्टम देश में हुआ तो किसान तो मरेगा ही साथ-साथ इसका असर हर वर्ग पर भी पड़ेगा. वहीं तीनो कानूनों को वापस लेने पर अश्विनी बक्शी ने कहा की ये कानून वापस होंगे. इन्हें कभी भी वापस किया जा सकता है. स्पेशल सेशन बनाकर इसे रीपील किया जा सकता है.