सिरसा: जिले में पराली जलाने के मामले (Stubble Burning in Sirsa) थम नहीं रहे हैं. जिला प्रशासन ने धान का सीजन शुरू होने से पहले ही पराली नहीं जलाने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन भी किया था ताकि सिरसा में पराली जलाने के मामलों पर रोक लगाई जा सके, लेकिन कमेटी गठन के बावजूद जिले में पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पराली जलाने वाले किसानों पर अब जिला प्रशासन ने सख्ती करने का मूड बना लिया है.
सिरसा जिला प्रशासन द्वारा हाल ही में 4 ऐसे किसानों के खिलाफ पुलिस में शिकायत (FIR on 4 farmers in Sirsa) दर्ज करवाई है जो पराली जलाते हुए पकड़े गये थे. सिरसा में अब तक पराली जलाने वाले किसानों पर अब तक 1 लाख 2500 रुपए का जुर्माना भी लगाया जा चुका है. सख्ती के साथ पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इसके बावजूद किसान बेधड़क पराली जला रहे हैं
हालांकि पिछले साल के मुकाबले सिरसा में इस बार पराली जलाने के मामले कम पाये गये हैं. अब किसान फसलों के अवशेष पहले के मुकाबले कम जला रहे हैं. किसान पराली प्रबंधन कर या तो गौशाला में दान दे रहे हैं या गांठे बनाकर लाभ कमा रहे हैं. सिरसा उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि जिले मे लगभग 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर में धान की बिजाई की जाती है. लगभग 1 लाख हेक्टेयर में धान की फसल की कटाई की जा चुकी है. इस दौरान पराली जलाने के बहुत कम मामले देखने में आए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष से इस वर्ष किसान ज्यादा जागरूक हुए हैं.