सिरसा: खेतों में पककर तैयार गेहूं की फसल तेज हवा के साथ लहला रही है. आज वैसाखी त्यौहार है. ये किसानों के लिए धार्मिक और आर्थिक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इसी दिन 1669 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी.
इस बार लॉकडाउन के चलते खेतों से लेकर गुरुद्वारों तक विरान छाया हुआ है. कोरोना वायरस के चलते पूरे भारत में लॉकडाउन है और लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने के लिए कहा गया है. इसी के चलते वैसाखी होने के बावजूद सिरसा गुरुद्वारों में बहुत कम संख्या में लोग माथा टेकने पहुंचे.
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सिर्फ इक्का-दुक्का लोग ही गुरुद्वारों में गए. हालांकि, इस विषय को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधको द्वारा जिला प्रशासन की हिदायतों के अनुसार वैसाखी का त्यौहार घर पर ही रहकर मनाये जाने की सलाह दी गई थी. गुरुद्वारा के सेवक बाबा जगतार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर लोगो को पहले ही घरों में रहने के लिए बोला गया था, लेकिन फिर भी इक्का दुक्का लोग गुरूद्वारे में पहुंच रहे हैं.
उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा में लंगर सेवा जारी है और लोगों को सुबह शाम लंगर भिजवाया जा रहा है और लंगर बनाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा-पूरा ध्यान रखा जा रहा है. बता दें कि बैसाखी के मौके पर गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती थी, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते गुरुद्वारों में वैशाखी होने के बावजूद भी इक्का-दुक्का लोग ही माथा टेकने पहुंचे हैं.