सिरसा: सिरसा के गांव वैदवाला के किसानों ने पराली नहीं जलाने का संकल्प किया है. इन दिनों किसान पराली की समस्या से जुझ रहा है. प्रदूषण का कारण किसानों द्वारा जलाई गई पराली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वहीं सरकार ने पराली जलाने वालों पर सख्त कदम उठाने शुरू भी कर दिये है. लेकिन सिरसा ने किसानों पर्यावरण को बचाने की पहल करते हुए पराली नहीं जलाने का संकल्प लिया है.
पराली नहीं जलाने का संकल्प
किसानों ने गांव में पराली जलाने की बजाए पराली की गांठे बनाकर गांव में ही सुरक्षित रख ली है. किसान कँवर सिंह और गुरजीत सिंह मान ने बताया कि पराली नहीं जलाने पर मशीनों से गांठे बनाई जाती है, जिस पर 5000 रुपये एकड़ खर्चा आता है. इसलिए उन्होंने सरकार से 200 रुपये क्विंटल के मुआवजे की मांग की है.
'प्रदूषण से हमें ज्यादा चिंता'
इन किसानो का कहना है कि प्रदूषण को लेकर हमें सरकार ज्यादा चिंता है. कोई भी किसान पराली को नहीं जलाना चाहता है. किसानों ने यह भी कहा कि पराली के धुएं से किसान पहले पीड़ित होता है. सिरसा के किसानों ने पराली को न जलाकर उनकी गाठें तो बनी ली है लेकिन उन्हें अब ये समझ नहीं आ रहा कि इस गाठों का करे क्या ? इन किसानों का कहना है कि इन गाठों को रखने के लिए प्रति 20 एकड़ भूमि पर एक एकड़ भूमि के टुकड़े पर इन गाठों को रखना पड़ेगा.
पराली की गांठों को लेकर किसानों की अब बढ़ी समस्या