सिरसा: किसानों पर हुए देशद्रोह के मुकदमों (Farmers Sedition Case) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. गिरफ्तार किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान सिरसा लघु सचिवालय के परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं. साथ ही किसानों और प्रशासन के बीच तीन बार बातचीत भी हो चुकी है, जो अबतक विफल साबित हुई है.
मंगलवार को भी इस मामले में प्रशासन की ओर से तीसरी बार किसानों से बातचीत (third level meeting sirsa administration farmers) की गई, जो फिर से बेनतीजा साबित हुई. एक तरफ जहां प्रशासन अपनी बात पर रहा. वहीं दूसरी ओर किसान भी एक ही जिद पर अड़े रहे कि गिरफ्तार हुए किसानों को रिहा किया जाए और मुकदमें रद्द किए जाएं.
तीसरी बार हुई बातचीत में कोई निष्कर्ष नहीं निकलने के बाद अब किसानों ने बड़ा फैसला लिया है. किसान नेता प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने बताया कि आज भी प्रशासन ने हमें फिर से बातचीत के लिए बुलाया था, जिसमें काफी देर तक उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से बातचीत हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला.
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उन्होंने कहा कि अब किसानों ने 21 जुलाई को 2 घंटे के लिए भावदीन टोल प्लाजा, खुईयां मलकाना टोल प्लाजा और पंजवाना हाइवे जाम करने का फैसला लिया है. विरोध जताने के लिए किसान 21 जुलाई की सुबह 9 बजे से लेकर सुबह 11 बजे तक इन तीनों जगह पर जाम लगाएंगे और फिर दोबारा से धरनास्थल का कूच करेंगे. इसके साथ ही किसान नेता ने ये भी कहा कि अगर फिर भी प्रशासन नहीं माना तो आगे की रणनीति भी तैयार की जाएगी.
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गौरतलब है कि 11 जुलाई को हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा (Deputy Speaker Ranbir Gangwa Car Attack) की गाड़ी पर हमला किया गया था. डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर उस वक्त हमला हुआ था जब वो हरियाणा के सिरसा जिले में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (Chaudhary Devi Lal University) में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे.
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आरोप है कि कार्यक्रम के बाद जब डिप्टी स्पीकर और अन्य बीजेपी नेता वापस लौट रहे थे तो किसानों ने उनका काफिला रोक दिया और पथराव शुरू कर दिया. आरोप है कि किसानों ने इस दौरान डिप्टी स्पीकर की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए और पुलिस पर भी पथराव किया. किसी तरह पुलिस ने डिप्टी स्पीकर के काफिले को विरोध के बीच वहां निकला था. इस मामले में सिरसा पुलिस की ओर से दो नामजद और करीब 100 किसानों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.