सिरसा:यूपी के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri case) में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर हत्या करने व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के किसानों को लेकर दिए गए विवादित बयान के रोष स्वरूप किसान संगठनों ने सोमवार को बरनाला रोड स्थित लघु सचिवालय में उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया. दोपहर तक किसानों ने यहां धरना दिया और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि यूपी के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए. मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा व उसके साथ मिलकर किसानों को मौत के घाट उतारने वाले गुंडों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकद्दमा दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए. इन्हीं मांगों को लेकर आज किसान संगठनों द्वारा देशभर में जिला मुख्यालयों पर घेराव किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें-हिरासत में लिए जाने पर प्रियंका का हमला - तुम लोग मेरा अपहरण कर रहे हो
किसान नेता रोशन सुचान ने कहा कि यूपी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या की गई है. साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री भी लठैतों को तैनात कर किसानों की आवाज दबाने की बात कह रहे हैं. इसी के विरोध में जिला मुख्यालयों का घेराव किया गया है. हमारी मांग है कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए. उनके पुत्र व साथियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए. अगर शीघ्र किसानों की मांग पूरी नहीं होती तो संयुक्त मोर्चा बड़े आंदोलन का ऐलान करेगा.
क्या है लखीमपुर का मामला?-केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में वार्षिक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था. इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी शामिल होना था. इसमें शामिल होने के लिए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहुंचे थे. किसान डिप्टी सीएम का विरोध करने के लिए पहुंचे थे. आरोप है कि इस दौरान कथित तौर पर अजय मिश्रा के समर्थकों की गाड़ी से किसानों की टक्कर हो गई.
ये भी पढ़ें-Viral Video: हरियाणा के सीएम खट्टर बोले, 'किसानों का इलाज करने के लिए उठा लो लट्ठ'
इस घटना के बाद बवाल हो गया, जिसमें चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हो गई. डीएम ने 6 लोगों के मौत की पुष्टि की है. घटना के बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल है. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष पर किसानों को गाड़ी से कुचलने की कोशिश करने के आरोप लग रहे हैं. कुछ किसान संगठनों ने फायरिंग करने का आरोप भी लगाया.