सिरसा: किसानों पर हुए देशद्रोह के मुकदमों (Farmers Sedition Case) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. गिरफ्तार किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान सिरसा लघु सचिवालय के परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं. साथ ही किसानों और प्रशासन के बीच तीन बार बातचीत भी हो चुकी है, जो अबतक विफल साबित हुई है. वहीं आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा की तबीयत भी बिगड़ रही है.
किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर दक्ष प्रजापति चौक किसान बलदेव सिंह सिरसा पिछले चार दिनों से अनशन पर बैठे हैं. बलदेव सिरसा की हालत गंभीर होने लगी है जिसके चलते प्रशासन के प्रति किसानों में रोष पनप रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि एसपी सिरसा कान खोल कर सुन लें कि मेरी मौत का जिम्मेदार कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, गृह मंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, जो ये काले कृषि कानून लेकर आए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि एसपी सिरसा ने ये कैसे कह दिया कि अगर अनशन के दौरान मुझे कुछ हुआ तो किसानों पर 302 के मुकदमे दर्ज होंगे. मैं इच्छा से आमरण अनशन पर बैठा हूं. तब तक बैठूंगा जब तक मेरे नौजवान किसान रिहा नहीं हो जाते. मैं हिंसा नहीं चाहता इसलिए सब कुछ अपने पर ले लिया, या तो गिरफ्तार किसान रिहा होंगे या मेरी मौत होगी.