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सिरसा में किसानों का अर्धनग्न प्रदर्शन, खराब हुई फसल का मुआवजा देने की मांग

सिरसा में पिछले 15 दिनों से धरना दे रहे किसानों ने सोमवार को अर्धनग्न प्रदर्शन (Farmers Protest in Sirsa) किया. किसान नेता लखविंदर सिंह ने सरकार की नाकामी को आंदोलन का जिम्मेदार बताते हुए सरकार पर किसानों के प्रति बेरुखी का आरोप लगाया.

Farmers Protest in Sirsa Mini Secretariat
सिरसा में किसानों का अर्धनग्न प्रदर्शन

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Published : Jan 30, 2023, 6:15 PM IST

सिरसा में किसानों ने सोमवार को अर्धनग्न प्रदर्शन किया.

सिरसा: सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर किसान पिछले 15 दिनों से पक्का मोर्चा लगाए हुए हैं. आज किसानों ने अर्धनग्न होकर शहर में रोष मार्च निकाला. किसानों का रोष मार्च सिरसा के लघु सचिवालय से शुरू हुआ और सुभाष चौक पहुंचा, जहां पर किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार का पुतला फूंका. किसानों का कहना है कि वे पिछले 15 दिनों से धरने पर बैठे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही. किसान 2020 में खराब हुई खरीफ की फसल के मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.

इस दौरान किसान नेता लखविंदर सिंह ने कहा कि 15 दिनों से सिरसा में किसानों का धरना चल रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन ने हमारी सुध नहीं ली है. आज हमने अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया है. संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक द्वारा 6 फरवरी को पक्का मोर्चा पर महापंचायत का आयोजन किया जाना है. उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा.

किसान लघु सचिवालय में चल रहे पक्का मोर्चा पर पिछले 15 दिनों से धरना दे रहे हैं.

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किसान वर्ष 2020 में खरीफ फसल के बकाया मुआवजे, बीमा क्लेम, बिजली, नहरी पानी व किसानों की अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान एकता (बीकेई) की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में चल रहे पक्का मोर्चा पर पिछले 15 दिनों से धरना दे रहे हैं. किसान सोमवार को लघु सचिवालय से अर्धनग्न प्रदर्शन करते सुभाष चौक पर पहुंचे. यहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला प्रशासन व हरियाणा सरकार के पुतले फूंके.

कार्यक्रम की अध्यक्षता बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने की. किसान नेता प्रकाश ममेरा ने कहा कि सर्दी के मौसम में भी हजारों किसान प्रशासन व सरकार की नाकामी के कारण धरने पर बैठने को मजबूर हैं. सरकार की किसानों के प्रति बेरुखी किसानों को आंदोलन के लिए फिर से मजबूर कर रही है. उन्होंने कहा कि जब बीमा कंपनियां बीमा करते वक्त किसान से बिना पूछे उसके बैंक खाते से राशि काट लेती है, तो मुआवजा देने के समय, कंपनी बिना किसी संघर्ष के मुआवजा देने से पीछे क्यों हटती है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की शह पर ही बीमा कंपनियां जमकर किसानों का शोषण कर रही हैं, लेकिन जागरूक किसान उनकी मंशाओं को कभी कामयाब नहीं होने देगा. उन्होंने जिलेभर के किसानों से भी आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में पक्का मोर्चा पर आकर अपनी हाजरी लगवाएं, ताकि सोई हुई सरकार व प्रशासनिक तंत्र को जगाया जा सके.

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