सिरसा में आमरण अनशन पर बैठे 68 वर्षीय किसान ओम प्रकाश झुरिया. सिरसा:हरियाणा सरकार और किसानों के बीच लगातार गतिरोध बढ़ता जा रहा है. पिछले 39 दिनों से किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लघु सचिवालय सिरसा के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सिरसा के किसान हरियाणा सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसान अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सिरसा लघु सचिवालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. वृद्ध किसान ने हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक उसका आमरण अनशन यूं ही जारी रहेगा.
सिरसा जिले के किसानों की मांगों व समस्याओं के लिए बीती 16 जनवरी से भारतीय किसान एकता बीकेई के बैनर तले सिरसा के अलग-अलग गांवों के किसान उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे हुए हैं. जिनकी मुख्य मांग खरीफ-2020 में सफेद मक्खी से बर्बाद हुई कपास की फसल का बकाया मुआवजा 258 करोड़ रुपए है. जिसमें से हरियाणा सरकार ने कुल 64 करोड़ 91 लाख रुपए ही जारी किया है.
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इस बाबत पिछले 39 दिनों में किसानों ने जिला प्रशासन और कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल से मीटिंग भी की, लेकिन अभी तक किसानों की कोई सुनवाई नहीं हुई. गांव डिंग मंडी के 68 वर्षीय किसान ओम प्रकाश झुरिया ने गुरुवार 23 फरवरी से मांगें पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू कर दिया है. आमरण अनशन कर रहे वृद्ध किसान स्वतंत्रता सेनानी परिवार से संबंध रखते हैं.
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उनके द्वारा पक्ष प्रतिपक्ष के राजनेताओं को ज्ञापन सौंपने के बाद विधायक शिशपाल केहरवाला ने विधानसभा में भी सिरसा के किसानों का मुद्दा उठाया था. इसके बावजूद किसानों की मांगें नहीं मानी गई. हरियाणा सरकार की बेरुखी से दुखी होकर ओमप्रकाश डिंगमंडी ने स्वेच्छा से आमरण-अनशन पर बैठने का फैसला लिया है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अनशन के दौरान उनके साथी किसान के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदार हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन होंगे.