सिरसाःपंजाब और राजस्थान से सटे सिरसा में हेरोइन का नशा लगातार अपने पांव पसार रहा है. कुछ लोग इसे हेरोइन कहते हैं, तो कुछ लोग चिट्टा लेकिन चीज एक ही है. हीरोइन की डिमांड बढ़ने से नकली हेरोइन की सप्लाई भी बाजार में की जा रही है. सिरसा पुलिस लगातार किसी न किसी की गिरफ्तारी करती रहती है फिर भी नशे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. हालांकि अब तो खुद गृह मंत्री अनिल विज ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है.
ईटीवी भारत की मुहिम
प्रदेश में बढ़ रहे नशे पर ईटीवी भारत हरियाणा ने एक मुहिम शुरू की है. ईटीवी भारत युवाओं में बढ़ रही नशे की लत, इससे होने वाली परेशानियों, उजड़ रहे घर और तबाह हो रही जिंदगियों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इस मुहिम के तहत हमने उन युवाओं से भी बातचीत की जिसमें वो नशे के आदी हो चुके थे लेकिन आज वो नशे से दूर भागते हैं.
नशा मुक्ति केंद्र में आए मरीजों ने बताया कि वो गलत संगत और किसी अन्य परेशानी की वजह से नशा करने लगे थे. जिसकी उन्हें बाद में गहरी लत लग गई थी, लेकिन अब वो अपना इलाज करवा रहे हैं और उनकी सेहत में काफी फर्क आया है. टीम से बातचीत करते हुए युवाओं ने शपथ भी ली की अब वो कभी नशा नहीं करेंगे.
13 से 18 साल के किशोर बन रहे शिकार
डॉक्टर्स के अनुसार आज सिरसा में नशा करने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिसमे 13 से 18 साल के नाबालिग सबसे ज्यादा है. आज के युवाओं में नशा एक ट्रेंड बनता जा रहा है. ये ट्रेंड पहले के मुकाबले बिल्कुल बदल गया है. क्योंकि पहले 25 से 26 साल के युवा अफीम जैसे नशीले पदार्थ से नशा करते थे और धीरे धीरे स्मेक और हेरोइन की तरफ बढ़ते थे. लेकिन आज का युवा खासकर टीनेजर्स सीधे हेरोइन का सेवन कर रहे हैं, जो काफी चिंता का विषय है.
हजारों तक पहुंचा आंकड़ा
डॉक्टर पंकज के अनुसार साल 2014 में 1400 मरीज इलाज के लिए आए थे. वहीं 2018 में 18 हजार और 2019 में अभी तक ये आकंड़ा 25 हजार तक पहुंच गया है. डॉक्टर ने ये भी बताया है कि मरीजों के आंकड़े बढ़ने के साथ ही लोगों में जागरुकता बढ़ी है. इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी लगातार जागरुकता अभियान चाले जा रहे हैं, जो एक पॉज़िटिव बात है. उन्होंने बताया कि लोग अब नशे के खिलाफ जागरूक होने लगे हैं और अपना इलाज करवाने नशा मुक्ति केंद्रों में आने लगे हैं.