सिरसा: धान की खेती के लिए मशहूर हरियाणा के किसानों का रूझान अब कपास की खेती की तरफ हो रहा है. हरियाणा के 54 साल के इतिहास में पहली बार 7 लाख 36 हजार हेक्टेयर में कपास की खेती की गई है. सूबे में कपास की खेती सबसे ज्यादा सिरसा में की गई है. सिरसा में कपास की खेती का रकबा करीब 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर है.
कपास की खेती पर सबसे ज्यादा प्रभाव सरकार की ओर से हाल में शुरू की गई ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना का नजर आया है. इस योजना के अंतर्गत ही किसानों ने करीब 40 हजार हेक्टेयर में धान की बजाय कपास की फसल में रुचि दिखाई है.
कृषि विभाग के अनुसार सिरसा में सर्वाधिक 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर रकबे में कपास की काश्त की गई है. इससे पहले हरियाणा में 1996-97 में 6 लाख 49 हजार जबकि 1997-98 में 6 लाख 38 हजार हेक्टेयर रकबे पर कपास की काश्त की गई थी. 2004-05 में भी 6 लाख 21 हजार हेक्टेयर रकबे पर कपास की काश्त की गई थी. पिछले सीजन 2019-20 में 7 लाख 22 हजार हेक्टेयर में कपास की बिजाई हुई थी, लेकिन इस बार 7 लाख 36 हजार हेक्टेयर में कपास की काश्त की गई है. जो हरियाणा में 54 साल में ये कपास का सर्वाधिक रकबा है.
2020-21 में क्षेत्रवार कपास की खेती का रकबा ( हेक्टेयर में)
क्षेत्र | रकबा | क्षेत्र | रकबा |
सिरसा | 210000 | हिसार | 147000 |
भिवानी | 88260 | फतेहाबाद | 72410 |
जींद | 70000 | चरखी दादरी | 35000 |
नारनौल | 18900 | पलवल | 23500 |
झज्जर | 11500 | रोहतक | 15540 |
सोनीपत | 6050 | कैथल | 7690 |
फरीदाबाद | 690 | मेवात | 5940 |
गुरुग्राम | 6760 | रेवाड़ी | 17100 |
कुल 7,36,510 हेक्टेयर