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अब नागरिक अस्पताल में मिलेंगी बेहतर सुविधाएं, स्वास्थ्य विभाग ने बनाया ये प्लान - नागरिक अस्पताल सिरसा कॉर्पोरेट लुक

सिरसा नागरिक अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ सुरिंदर नैन ने कहा कि नए बनाए जाने वाले जोन में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बेड लगाए जाएंगे, जिनकी एक बेड की कीमत करीब दो लाख रुपये है. तीन बेड एमरजेंसी में और तीन बेड रेड जोन में होंगे. इसके अलावा यलो और ग्रीन जोन में छह-छह बेड लगाए जाएंगे.

Corporate Look will be given to civil hospital of sirsa
अब नागरिक अस्पताल में मिलेगी बेहतर सुविधाएं, स्वास्थ्य विभाग ने बनाया ये प्लान

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Published : Feb 14, 2020, 2:10 PM IST

Updated : Feb 14, 2020, 2:20 PM IST

सिरसाःनागरिक अस्पताल में मरीजों को और बेहतर सुविधाएं देने के लिए इसे कॉर्पोरेट लुक दिया जाएगा. सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में ट्रायस एरिया बनाया जाएगा. मरीजों के लिए अलग-अलग जोन बनाए जाएंगे. अति गंभीर मरीज के लिए रेड जोन बनाए जाएंगे, जिसमें डॉक्टर के अलावा किसी की भी एंट्री नहीं होगी.

इसके अलावा पिला और ग्रीन जोन बनाए जाएंगे. मरीज की स्थिति में सुधार होने के अनुसार उन अलग-अलग जोन में उन्हें शिफ्ट कर दिया जाएगा. इन सभी जोन में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बेड लगाए जाएंगे.

लगेंगे तीन बेड रेड जोन

सिरसा नागरिक अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ सुरिंदर नैन ने कहा कि नए बनाए जाने वाले जोन में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बेड लगाए जाएंगे, जिनकी एक बेड की कीमत करीब दो लाख रुपये है. तीन बेड एमरजेंसी में और तीन बेड रेड जोन में होंगे. इसके अलावा यलो व ग्रीन जोन में छह-छह बेड लगाए जाएंगे.

अब नागरिक अस्पताल में मिलेंगी बेहतर सुविधाएं, देखें वीडियो.

मरीज को मिलेगी हर सुविधा!

ये बेड तीन एंगल में मुड़ सकेंगे,जिससे मरीज को उठने या बैठने में दिक्कत नहीं होगी. नए बनाए जाने वाले जोनों में मरीज से मिलने आने वाले अधिक लोगों की मनाही रहेगी, क्योंकि बीमारी की स्थिति में मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और वो दूसरों के संपर्क में आकर फिर बीमार पड़ सकता है.

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स्टाफ के अलावा किसी को नहीं मिलेगी एंट्री
अस्पताल में फोर्टिस अस्पताल की तर्ज पर सेवाएं देने के दावे किए जा रहे है. रेड जोन में एमरजेंसी में इलाज के बाद मरीज को उसकी स्थिति के अनुसार भेजा जाएगा. अति गंभीर को रेड जोन में रखा जाएगा, जहां स्टॉफ के अलावा सबके आने पर पाबंदी रहेगी.

इसके बाद मरीज की स्थिति में ज्यों ज्यों सुधार होगा, उसे येलो और ग्रीन जोन में भेज दिया जाएगा. इस नई व्यवस्था से एमरजेंसी में मारा मारी भी नहीं रहेगी और डॉक्टर भी हर समय ड्यूटी पर मौजूद रहेगा.

Last Updated : Feb 14, 2020, 2:20 PM IST

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