सिरसा: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न संगठन अपनी मांगों को लेकर आए दिन सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस कड़ी में अब हरियाणा के विभिन्न विभागों के लिपिक वर्गीय कर्मचारी बुधवार, 5 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सिरसा में दूसरे दिन भी महिला और पुरुष कर्मचारी धरने पर बैठे हैं. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.
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बेसिक पे 35,400 रुपये करने की मांग: बता दें कि, बेसिक पे 35,400 रुपये करने की मांग को लेकर सभी विभागों के लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. कर्मचारी हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. आज भी कई कर्मचारी संगठनों ने लिपिक वर्ग कर्मचारियों की हड़ताल को समर्थन दिया है. 'हमारा हक 35,400' लिखी टोपियां पहन कर सैकड़ों कर्मचारी धरने पर बैठे हैं.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर लिपिक वर्ग के कर्मचारी कर्मचारियों की हड़ताल से जनता परेशान: प्रदर्शनारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक सभी विभागों के लिपिक वर्ग के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान कर्मचारी विभागीय कार्य नहीं करेंगे. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते आम लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है. हड़ताल के चलते कर्मचारी सीट पर नहीं बैठे, जिसके चलते कार्यालय में आने वाले लोगों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है.
कर्मचारियों की हड़ताल से जनता परेशान. ये भी पढ़ें:सिरसा में 60 दिनों से धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने पहुंचे राकेश टिकैत, फिर से आंदोलन की चेतावनी
मांग पूरी नहीं होने तक धरना: धरने पर बैठे कर्मचारी सुखविंदर कौर और अमृत पाल सिंह ने बताया कि, बेसिक पे की मांग को लेकर उन्होंने पिछले दिनों धरना प्रदर्शन भी किया था. उसके बाद सरकार की ओर से 4 जुलाई तक उनकी मांग को पूरा करने का आश्वासन भी दिया था. अभी तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया है. बेसिक पे 35,400 रुपये करने की मांग को लेकर लिपिक वर्ग के कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं.
सभी कर्मचारियों का वेतन समय-समय पर बढ़ाया जाता है, लेकिन लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है. विरोध-प्रदर्शन करने पर लिपिक वर्ग कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के लिए 4 जुलाई तक का समय दिया गया था. आश्वासन के बावजूद भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई. जिसके चलते अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई है. जब तक मांग पूरी नहीं होगी, लिपिक वर्ग का कोई भी कर्मचारियों काम पर नहीं लौटेगा. - धरने पर बैठे कर्मचारी
नूंह में भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर लिपिकीय वर्ग कर्मचारी: न्यूनतम वेतन 35,400 करने की मांग पूरी नहीं होने के चलते सैकड़ों लिपिकीय वर्गकर्मचारी दो दिन से नूंह लघु सचिवालय परिसर में धरने पर बैठे हैं. सैकड़ों कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकारी कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हो रहा है. नूंह जिले के सभी सरकारी विभागों के 700 से अधिक क्लेरिकल स्टाफ अब सरकार से आरपार की लड़ाई के लिए मैदान में उतर चुके हैं. कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया. साथ ही साफ शब्दों में कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक इसी तरह विरोध जारी रहेगा.
नूंह में भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर लिपिकीय वर्ग कर्मचारी