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खंडहर में तब्दील हुआ रानियां बस स्टैंड, लाखों की लागत से हुआ था निर्माण - रानियां बस स्टैंड नशा

प्रशासन की लापरवाही के चलते रानियां बस स्टैंड खंडहर में तब्दील हो चुका है. यात्री बसों का इंतजार स्टैंड के अंदर करते रह जाते हैं और बस चालक यात्रियों को सड़क पर से ही बसों में बिठाकर चले जाते हैं. कुछ चालक भले ही बस स्टैंड के अंदर आते हैं लेकिन वो भी डिवाइडर से बस को घुमा कर बाहर निकाल लेते हैं.

rania bus stand of sirsa
लाखों रुपए की लागत से तैयार हुआ रानियां बस स्टैंड बना खंडहर

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Published : Feb 16, 2020, 3:59 PM IST

सिरसाः हरियाणा सरकार यात्रियों को बेहतर सेवा उपलब्ध करवाने के दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. रानियां वासियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रशासन द्वारा शहर में बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था. ये बस स्टैंड करीब 35 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था और बस स्टैंड का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने 18 जून 1995 किया था लेकिन लाखों रुपए की लागत से तैयार हुए इस बस स्टैंड में सुविधाओं को लेकर सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की बेरुखी रही हैं.

खंडहर में तब्दील हुआ बस स्टैंड

प्रशासन की लापरवाही के चलते रानियां बस स्टैंड खंडहर में तब्दील हो चुका है. यात्री बसों का इंतजार स्टैंड के अंदर करते रह जाते हैं और बस चालक यात्रियों को सड़क पर से ही बसों में बिठाकर चले जाते हैं. कुछ चालक भले ही बस स्टैंड के अंदर आते हैं लेकिन वो भी डिवाइडर से बस को घुमा कर बाहर निकाल लेते हैं और जो यात्री बस स्टैंड के अंदर बस आने का इंतजार करते हैं वो बस इंतजार ही करते रह जाते हैं. हालात ये हैं कि अब ये बस स्टैंड नशेड़ियों का अड्डा बन गया है.

लाखों रुपए की लागत से तैयार हुआ रानियां बस स्टैंड बना खंडहर

बसों के इंतजार में खड़े रहते हैं यात्री

जाहिर है कि कई सालों की जद्दोजहद और प्रयासों के बाद रानियां बस स्टैंड से को शुरू कराया गया, लेकिन अब बस स्टैंड को फिर से बसों के रुकने का इंतजार है. लोगों का कहना है कि हालांकि रोडवेज की कुछ एक बसे हैं जिनके चालक बस को अंदर ले आते हैं, लेकिन रोडवेज की ज्यादातर बसें भी इस बस स्टैंड के अंदर नहीं आती. उनका कहना है कि रोडवेज विभाग की लापरवाही के चलते यातायात की समस्या खत्म ही नहीं हो रही है.

निजी बस चालकों का है अड़ियल रवैया- ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि निजी बस चालक अपने अड़ियल रवैया की वजह से कभी बस को स्टैंड के अंदर नहीं लाते. बस स्टैंड पर बसे ना रुकने के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों को बसों के इंतजार के लिए सड़क पर ही खड़े रहना पड़ता है. सड़क पर यात्रियों के खड़े रहने के कारण सड़क पर जाम लग जाता है और कई बार यात्रियों की संख्या अधिक होने की वजह से बस पर चढ़ने की जल्द बाजी में लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.

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लगा रहता है जुआरियों का जमावड़ा

बात करें बस स्टैंड की इमारत की तो वो बिल्कुल पूरी तरह से खंडर हो चुकी है. रखरखाव के अभाव में बस स्टैंड की इमारत जगह-जगह से टूट चुकी है. बस स्टैंड परिसर में असामाजिक तत्व अपनी गतिविधियों को बेखौफ अंजाम दे रहे हैं. लोग बस स्टैंड में आकर जुआ खेलते हैं, दारू पीते हैं और अन्य कई असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं. लोगों का कहना है कि हमने इस ओर सरकार और प्रशासन का कई बार ध्यान दिलाया है, लेकिन किसी ने इस बस स्टैंड की ओर ध्यान नहीं दिया. सरकार और प्रशासन आंखें बंद किए हुए हैं.

क्या कहना है डिपो प्रबंधक का

सिरसा डिपो के महाप्रबंधक ने कहा कि उन्हें नशे वहां नशेड़ियों के आने की कोई जानकारी और शिकायत नहीं मिली है. हालांकि उनके पास प्राइवेट बसों के स्टैंड में ना आने की शिकायत तो मिली है लेकिन लिखित रूप में अभी तक किसी ने इस बारे में शिकायत नहीं दी है. उन्होंने कहा कि बस स्टैंड में रोडवेज की सारी बसें जाती हैं और वहां से यात्रियों को पिकअप करती हैं.

जल्द होगा रेनोवेशन- रणजीत चौटाला

बस स्टैंड के बिल्डिंग की जर्जर हालत पर उन्होंने कहा कि रेनोवेशन के लिए कैबिनेट मंत्री रंजीत सिंह ने एक मीटिंग बुलाई थी. जिसमें उन्होंने उसे जल्द रिनोवेट कराए जाने की बात की थी. वहीं कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल यहां आएंगे तब उनसे इस बस स्टैंड के रिनोवेशन की बात की जाएगी और उसे दोबारा रिनोवेट करा कर फिर से चालू कराया जाएगा.

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