सिरसाः हरियाणा सरकार यात्रियों को बेहतर सेवा उपलब्ध करवाने के दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. रानियां वासियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रशासन द्वारा शहर में बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था. ये बस स्टैंड करीब 35 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था और बस स्टैंड का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने 18 जून 1995 किया था लेकिन लाखों रुपए की लागत से तैयार हुए इस बस स्टैंड में सुविधाओं को लेकर सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की बेरुखी रही हैं.
खंडहर में तब्दील हुआ बस स्टैंड
प्रशासन की लापरवाही के चलते रानियां बस स्टैंड खंडहर में तब्दील हो चुका है. यात्री बसों का इंतजार स्टैंड के अंदर करते रह जाते हैं और बस चालक यात्रियों को सड़क पर से ही बसों में बिठाकर चले जाते हैं. कुछ चालक भले ही बस स्टैंड के अंदर आते हैं लेकिन वो भी डिवाइडर से बस को घुमा कर बाहर निकाल लेते हैं और जो यात्री बस स्टैंड के अंदर बस आने का इंतजार करते हैं वो बस इंतजार ही करते रह जाते हैं. हालात ये हैं कि अब ये बस स्टैंड नशेड़ियों का अड्डा बन गया है.
बसों के इंतजार में खड़े रहते हैं यात्री
जाहिर है कि कई सालों की जद्दोजहद और प्रयासों के बाद रानियां बस स्टैंड से को शुरू कराया गया, लेकिन अब बस स्टैंड को फिर से बसों के रुकने का इंतजार है. लोगों का कहना है कि हालांकि रोडवेज की कुछ एक बसे हैं जिनके चालक बस को अंदर ले आते हैं, लेकिन रोडवेज की ज्यादातर बसें भी इस बस स्टैंड के अंदर नहीं आती. उनका कहना है कि रोडवेज विभाग की लापरवाही के चलते यातायात की समस्या खत्म ही नहीं हो रही है.
निजी बस चालकों का है अड़ियल रवैया- ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि निजी बस चालक अपने अड़ियल रवैया की वजह से कभी बस को स्टैंड के अंदर नहीं लाते. बस स्टैंड पर बसे ना रुकने के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों को बसों के इंतजार के लिए सड़क पर ही खड़े रहना पड़ता है. सड़क पर यात्रियों के खड़े रहने के कारण सड़क पर जाम लग जाता है और कई बार यात्रियों की संख्या अधिक होने की वजह से बस पर चढ़ने की जल्द बाजी में लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.