सिरसा:अजय चौटाला, अभय चौटाला का परिवार करीब एक साल से दूर हैं. हालांकि इन दोनों परिवारों को एकजुट करने के लिए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और हरियाणा के खाप नेताओं ने खूब जोर लगाया लेकिन दोनों परिवारों में एकजुट होने को लेकर सहमति नहीं बन पाई.
कुछ दिन पहले अजय चौटाला और अभय चौटाला की माता स्नेहलता के निधन के दौरान दोनों परिवार एक साथ दिखाई दिए लेकिन उसके बाद दोनों ही परिवारों ने एक बार फिर से अपने-अपने रस्ते अलग कर लिए. दुष्यंत चौटाला हरियाणा उप मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने सिरसा स्थित निवास पर पहुंचे तब अजय चौटाला भी उनके साथ थे.
एक साथ मिले चाचा रणजीत सिंह, भतीजे अभय और अजय चौटाला, क्या हो सकते हैं मुलाकात के मायने? चौटाला परिवार का मिलन
अजय चौटाला और अभय चौटाला उनके पैतृक गांव तेजाखेड़ा गांव में एक साथ फिर से मिले हालांकि उनका मिलना केवल सामाजिक ही था लेकिन एक बात जरूर है कि चौटाला परिवार की चौधराहट वापिस आने के बाद दोनों परिवारों के एकजुट होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इस मौके पर अजय, अभय चौटाला के चाचा रणजीत सिंह चौटाला भी मौजूद थे.
ये भी पढ़ें: -हम कांग्रेस के विरोध में पैदा हुए, उनसे हाथ नहीं मिला सकते- अजय चौटाला
अजय चौटाला ने कहा कि वे आज तेजाखेड़ा फार्म हाउस में अपने भाई अभय चौटाला से मिलकर आए. वहीं रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि उनकी भाभी स्नेहलता के निधन के बाद पहले त्यौहार पर सब परिवार के लोग एक साथ होते हैं, जिसमे उनके साथ अजय, अभय चौटाला सहित अनेक परिवार के लोग मौजूद थे. उन्होंने कहा कि ये मिलाप केवल सामाजिक ही था.
चुनाव में चौटाला परिवार के समर्थन में तंवर
इस दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर भी चौटाला परिवार से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. आपको बता दे कि इन दिनों कांग्रेस को अलविदा कहने वाले अशोक तंवर की भी अजय चौटाला और अभय चौटाला परिवार से नजदीकियां बढ़ने लगी है. अशोक तंवर ने विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला के उम्मीदवारों और अभय चौटाला के उम्मीदवारों को खुलकर समर्थन दिया था. अशोक तंवर भी अपने तरीके से इन दोनों परिवारों को एक जुट करने में लगे हुए हैं.