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सिरसा में लंपी वायरस से 550 पशुओं की अब तक मौत, जिले में धारा 144 लागू

जिले में पशुओं की बीमारी लंपी स्किन डिजीज का प्रकोप बढ़ गया है. अब तक सिरसा में लंपी वायरस के कुल 8 हजार 7 सौ मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 6 हजार 700 ठीक भी हुए हैं. सिरसा में लंपी पायर से 550 पशुओं की मौत (Lumpy virus death in Sirsa) हो चुकी है. पशुओं में इस भंयकर प्रकोप को देखते हुए सिरसा के उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने एहतियात के तौर पर सिरसा जिले में धारा 144 लगा दी है.

सिरसा में लंपी वायरस से मौत
सिरसा में लंपी वायरस से मौत

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Published : Sep 9, 2022, 5:02 PM IST

सिरसा: सिरसा के उपायुक्त ने जिले में धारा 144 (Section 144 in Sirsa due to lumpi virus) लगाते हुए पशुओं के बड़े आवागमन और पशु मेलों पर रोक लगा दी है. सिरसा में इतने बड़े स्तर पर पशुओं में लंपी वायरस की बीमारी के फैलने के बाद अब न सिर्फ पशुपालन विभाग अलर्ट दिखाई दे रहा है बल्कि जिला प्रशासन ने भी पशुओं पर इस बीमारी के रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

डीसी पार्थ गुप्ता ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि जिले में इस बीमारी से अब तक 550 पशुओं की मौत हो चुकी है. 8700 पशु अब तक बीमारी से ग्रस्त हुए हैं जिनमें से 6700 स्वस्थ हो गए हैं. मौत का आकड़ा लगातार सिरसा जिला में बढ़ रहा है. इसी वजह से अब प्रशासन ने बीमारी की रोकथाम के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि लंपी पर कंट्रोल करने के लिए सिरसा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है.

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डीसी ने बीडीपीओ को निर्देश दिए हैं कि उनके अधीन क्षेत्र में किसी प्रकार का पशु मेला न लगे और न ही बड़े स्तर पर पशुओं का आवागमन हो. यदि दूसरे राज्यों से पशु चरवाहे आ रहे हैं तो उन्हें रोका जाए और न ही सिरसा से बाहर पशुओं का बड़ा दल जा पाए. डीसी पार्थ गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग ने स्वस्थ पशुओं को बाहर ले जाए जाने पर भी रोक लगा दी है. दूसरे राज्य में पशु ले जाने के लिए परमिट की आवश्यकता होगी. लेकिन प्रशासन किसी को परमिट जारी नहीं कर रहा है.

यह भी हिदायत दी गई है कि एक साथ अधिक पशुओं को चराने के लिए भी न ले जाया जाए. इससे भी पशुओं में संक्रमण फैलने का अंदेशा है. प्रशासन ने बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाए हैं. मेलों पर रोक लगा दी है. पशुओं का अधिक आवागमन नहीं हो सकता है. मृत पशुओं की चमड़ी नहीं उतारी जा सकती और उन्हें गाइडलाइन के तहत ही दफनाना होगा. विभाग ने पशुओं का टीकाकरण शुरू किया है जो अभी भी जारी है.

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