रोहतक: जिले के डोभ गांव रोहतक में साइबर क्राइम का मामला सामने आया है. यहां मंजीत नाम के शख्स से ओला स्कूटी की ऑनलाइन बुकिंग का झांसा देकर आरोपियों ने 67 हजार 324 रुपये ठग लिए. फिलहाल मंजीत की शिकायत पर बहुअकबरपुर पुलिस स्टेशन रोहतक ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पीड़ित मंजीत ने बताया कि उसने ओला स्कूटी खरीदने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की थी. जिसके बाद उसके पास एक मोबाइल नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने अपनी पहचान ओला कंपनी के कर्मचारी आरके मल्होत्रा के रूप में बताई. आरोपी ने मंजीत को बताया कि ओला एस-1 प्रो स्कूटी की बुकिंग के शुरूआत में 24 हजार 999 रुपए उसे देने होंगे. इसके बाद अपने नाम पर स्कूटी कराने के लिए 42 हजार 325 रुपए देने होंगे.
इससे पहले आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और एक पासपोर्ट फोटो भेजना होगा. मंजीत ने दिए गए व्हट्सएप नंबर पर सभी कागजात भेज दिए. आरोपियों की तरफ से मंजीत को एक इनवॉइस नंबर भेजा गया, फिर क्यूआर कोड भेजकर 24 हजार 999 रुपये की पेमेंट करने को कहा गया.
ये भी पढ़ें- बल्लभगढ़ में पार्किंग विवाद को पड़ोसियों ने दंपति पर जमकर बरसाए लात-घूसे, CCTV में कैद वारदात
क्यूआर कोड का फोटो साफ ना होने के कारण दोबारा इनवॉइस भेजा गया. जिसे स्कैन किया तो वो प्रदीप कुमार के नाम से दर्शाया गया. जब मंजीत ने इस बारे में पूछा तो आरके मल्होत्रा नाम के शख्स ने बताया कि ये कंपनी का अकाउंट है. आरोपी ने किसी अन्य पेमेंट का स्क्रीन शॉट मंजीत को भेजा. जिस पर ओला कंपनी लिखा हुआ था. इसके बाद मंजीत ने क्यूआर कोड को स्कैन कर 24 हजार 999 रुपए भेज दिए. पेमेंट होने के बाद मंजीत के पास रिसीविंग मैसेज भी भेजा गया.
इसके बाद दोबारा मंजीत के पास कॉल आई. जिसमें 42 हजार 325 रुपये और भेजने के लिए कहा गया. मंजीत ने ये पेमेंट भी कर दी. इतना ही नहीं एक बार फिर मंजीत को फोन आया कि बकाया 42 हजार 326 रुपये भी भेजने हैं. मंजीत ने कहा कि आखिरी बकाया किश्त तो डिलीवरी पर दी जानी थी. ये बात पीड़ित से किसी अर्जुन चौहान नाम के शख्स से हुई. अर्जुन चौहान ने बताया कि पूरी राशि भेजने पर ही स्कूटी दी जाएगी. जिस पर मंजीत ने ऑर्डर कैंसल कर अपनी पेमेंट 67 हजार 324 रुपये वापस करने के लिए कहा, लेकिन उसे कहा गया कि ये पेमेंट तो 90 दिन बाद वापस मिलेगी.
ये भी पढ़ें-फरीदाबाद में कार पार्किंग पर विवाद: दो गुटों में जमकर हुई मारपीट, सीसीटीवी में कैद वारदात
मंजीत को उनकी बातों पर शक हुआ तो उसने उसके पास भेजे गए इनवायस नंबर पर दिए गए कस्टमर केयर नंबर पर कॉल की. जिस पर किसी राजीव नाम के व्यक्ति से बात हुई, जिसने खुद को ओला के हेड ऑफिस का कर्मचारी बताया. इसके बाद राजीव नाम के उस व्यक्ति ने भी मंजीत को झांसे में लेने का प्रयास किया और कंपनी का बैंगलुरू का एड्रेस भी बताया. मंजीत ने बैंगलुरू में रहने वाले अपने किसी रिश्तेदार को उस पते पर भेजा तो वहां कोई ऑफिस ही नहीं मिला. इसके बाद मंजीत को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ. यही नहीं कई बार उसके पास दोबारा मोबाइल फोन पर कॉल आई. जिसमें बकाया पेमेंट देने को कहा गया. मंजीत ने इस मामले की शिकायत बहुअकबरपुर पुलिस स्टेशन में कर दी. पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP