रोहतक: हरियाणा के पूर्व मंत्री और हरियाणा व पंजाब के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कृष्णमूर्ति हुड्डा ने दिल्ली में अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों का समर्थन किया है. कृष्णमूर्ति हुड्डा वीरवार को रोहतक में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फौगाट व साक्षी मलिक ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.
'मेडलिस्ट खिलाड़ियों को सड़कों पर बैठकर मांगना पड़ रहा न्याय': विनेश फौगाट ने तो यौन शोषण की भी बात कही है. इसलिए इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि दुनिया की चोटी के पहलवान, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों मैडल लेकर देश का नाम रोशन किया है और आज उन्हें अपनी मांगें मनवाने के लिए सड़कों पर आना पड़ रहा है. देश के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य हो नहीं सकता. केंद्र की खेल मंत्रालय ने फेडरेशन को 72 घंटे का नोटिस दिया है वो 12 घंटे का देना चाहिए था. 12 घंटे में वो पता करते जांच करते फेडरेशन का अधिकारी अगर दोषी है तो उसे हटाओ सजा दो.
कृष्णमूर्ति हुड्डा ने किया खिलाड़ियों का समर्थन:उन्होंने कहा कि एक तरफ तो बेटी बचाओ की बार बार बात करते हैं, तो वहीं एक तरफ हरियाणा के खेल मंत्री ने छेड़छाड़ की है और दूसरी तरफ रेसलर फेडरेशन का प्रेजिडेंट गड़बड़ करके बैठा है. कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कहा की एक खिलाड़ी के नाते मैं खिलाड़ियों का समर्थन कर रहा हूं. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो मैं खुद दलबल के साथ जंतर मंतर पर खिलाड़ियों के साथ धरने पर बैठूंगा. खिलाड़ी इतनी सर्दी में धरने पर बैठे हैं.
'प्रधानमंत्री खिलाड़ियों को दिलाएं न्याय': आज वो लोग सड़कों पर खड़े हैं जो देश के लिए मैडल लेकर आते हैं इतनी मेहनत करते हैं. प्रधानमंत्री को तुरंत इन खिलाड़ियों को बुलाकर जो सच्चाई है वो देश के सामने लानी चाहिए. आज खिलाड़ियों को प्रैक्टिस छोड़कर दिल्ली में धरने पर बैठना पड़ रहा है. जिसको सरकार करोड़ों रुपये देती है मैडल लाने पर आज वो सड़क पर बैठे हैं अपनी मांग को लेकर इससे दुर्भाग्य की बात देश के लिए क्या ही होगी.
संदीप सिंह पर साधा निशाना: उन्होंने कहा कि संदीप सिंह भी डर के बैठा है. संदीप सिंह के खिलाफ सही जांच होनी चाहिए और अगर संदीप सिंह पर लगे आरोप सही हैं तो उसके साथ दोषियों जैसा व्यवहार होना चाहिए. उसके साथ मंत्रियों जैसा व्यवहार नहीं होेना चाहिए. अभी सिर्फ उससे मंत्रालय ही वापस लिया गया है. उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए और जूनियर कोच को भी न्याय दिलाना चाहिए.